
- वोटिंग के लिए विशेष पेन का इस्तेमाल
- वोटरों का अपना पेन अंदर ले जाने की इजाजत नहीं
- दूसरी बार दलित समुदाय से होगा राष्ट्रपति
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नई दिल्ली:
बिहार के पूर्व राज्यपाल और एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद और यूपीए की प्रत्याशी मीरा कुमार दलित समुदाय से आते हैं. आज तय होगा कि दोनों में से कौन देश का अगला राष्ट्रपति होगा. हालांकि संख्याबल के मामले में कोविंद का पलड़ा भारी है. इस चुनाव के नतीजें क्या हैं इसका अंदाजा लगाना ज्यादा कठिन नहीं हैं. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कुछ तथ्य ऐसे भी हैं जो जानने लायक हैं.
1- यह दूसरा मौका होगा जब देश का कोई राष्ट्रपति दलित समुदाय से होगा. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन दलित समुदाय से थे.
2- इस बार एक विशेष सीरियल नंबर वाले पेन और स्याही के जरिए निर्वाचक मंडल के सदस्य वोट डालेंगे. इस बार सदस्यों को दूसरा कोई और पेन वोटिंग चैंबर के अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होगी. 2016 में हुए राज्यसभा सीटों के चुनाव के दौरान हरियाणा में हुए एक विवाद के बाद चुनाव आयोग ने इस विशेष पेन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. उपराष्ट्रपति चुनाव में भी इसका प्रयोग होगा.
3- इस बार अलग-अलग रंगों के बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा. सांसदों के लिए हरे रंग का और विधायकों के लिए गुलाबी रंग का बैलेट पेपर होगा.
4- वीवी गिरी जो कि 1969 से 1974 तक भारत के राष्ट्रपति और इसके बाद वह पहले ऐसे शख्स बने जिन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति का भी कार्यभार संभाला. उनको कार्यवाहक राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद दिया गया था.
5- नीलम संजीव रेड्डी एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे जिनको निर्विरोध चुना गया था. हालांकि इस चुनाव में उनको मिलाकर 37 लोगों ने नामांकन किया था. लेकिन 36 उम्मीदवारों का नामांकन खारिज कर दिया गया था.
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1- यह दूसरा मौका होगा जब देश का कोई राष्ट्रपति दलित समुदाय से होगा. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन दलित समुदाय से थे.
2- इस बार एक विशेष सीरियल नंबर वाले पेन और स्याही के जरिए निर्वाचक मंडल के सदस्य वोट डालेंगे. इस बार सदस्यों को दूसरा कोई और पेन वोटिंग चैंबर के अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होगी. 2016 में हुए राज्यसभा सीटों के चुनाव के दौरान हरियाणा में हुए एक विवाद के बाद चुनाव आयोग ने इस विशेष पेन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. उपराष्ट्रपति चुनाव में भी इसका प्रयोग होगा.
3- इस बार अलग-अलग रंगों के बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा. सांसदों के लिए हरे रंग का और विधायकों के लिए गुलाबी रंग का बैलेट पेपर होगा.
4- वीवी गिरी जो कि 1969 से 1974 तक भारत के राष्ट्रपति और इसके बाद वह पहले ऐसे शख्स बने जिन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति का भी कार्यभार संभाला. उनको कार्यवाहक राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद दिया गया था.
5- नीलम संजीव रेड्डी एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे जिनको निर्विरोध चुना गया था. हालांकि इस चुनाव में उनको मिलाकर 37 लोगों ने नामांकन किया था. लेकिन 36 उम्मीदवारों का नामांकन खारिज कर दिया गया था.
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