
मुंबई में वर्ष 2008 में हमले को अंजाम देने वाले आतंकी कसाब की फाइल फोटो.
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आतंकी कसाब के लिए बंबई हाई कोर्ट के आदेश पर नियुक्त हुए थे वकील
आतंकी कसाब की फांसी की सजा के 7 साल बाद भी नहीं मिली फीस
वकील बोले- अब राज्य सरकार के खिलाफ वह लीगल एक्शन की तैयारी कर रहे
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सोलकर और शाह ने बताया कि उन्हें अभी अपनी फीस प्राप्त नहीं हुई है. दोनों वकीलों ने कहा कि उन्होंने मामले को प्राथमिकता दी थी क्योंकि उच्च न्यायालय इसकी दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुबह 11 से शाम पांच बजे तक सुनवाई कर रहा था।.सोलकर ने ‘पीटीआई्-भाषा' से कहा,‘‘मैं नहीं जानता हूं कि राज्य सरकार ने हमारी फीस का भुगतान करने के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं किये. उच्च न्यायायल द्वारा फैसला दिए सात वर्ष हो गये है. उच्चतम न्यायालय ने मौत की सजा की पुष्टि की थी और कसाब भी मर चुका है। लेकिन हम अभी भी (अपनी फीस के लिए) इंतजार कर रहे है.''
उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार से अपनी फीस प्राप्त करने के लिए कानूनी कार्रवाई किये जाने पर विचार कर रहे है.वहीं दूसरी ओर शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मामले में पेश होने के लिए उन्हें उनका पारिश्रमिक मिलेगा.इस बीच राज्य सरकार के विधि और न्यायपालिका विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार दो वकीलों द्वारा अपने बिल जमा कराने के बाद ही उनकी फीस का भुगतान करेगी.निचली अदालत में कसाब का बचाव करने वाले एक वकील अब्बास काजमी ने दावा किया कि सरकार ने उनकी सेवाओं के लिए उनकी फीस का भुगतान कर दिया है.गौरतलब है कि 26 नवम्बर,2008 की रात को मुम्बई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर हुए 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमले किये थे. हमले में 166 लोग मारे गये थे और 600 से अधिक घायल हुए थे.ये हमले तीन दिन तक चले थे. नौ आतंकवादी मारे गये थे जबकि मुम्बई पुलिस ने कसाब को जिंदा पकड़ लिया था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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