हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचाने के लिए सरकार की ओर से एक खास मुहिम शुरू की गई है. जिसके तहत लोगों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता कार्यक्रम को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) द्वारा 6 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार एक साथ 10 लाख से ज्यादा लोगों को कल सीपीआर तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग साढ़े 9 बजे शुरू होगी.
सीपीआर की तकनीक समझाने के लिए प्रत्येक स्थल पर एक प्रशिक्षित डॉक्टर तैनात किया जाएगा, जो कि प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर भी देंगे. एनबीईएमएस प्रतिभागियों को भागीदारी का प्रमाण पत्र भी जारी करेगा.
सीपीआर का अर्थ है "कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन" है, जिसमें बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचने से पहले जीवित रखने के लिए हृदय की मांसपेशियों पर दबाव डालने के लिए एक विशेष तकनीक का उपयोग किया जाता है. सीपीआर की मदद से बीमार व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
हमारे देश में लाखों लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने से होती हैं. इनमें से कई मौतें समय पर चिकित्सा सहायता की कमी के कारण होती हैं. अगर कार्डियक अरेस्ट के मरीज को अस्पताल पहुंचने से पहले समय पर उचित प्राथमिक उपचार मिल जाए, तो जान बचाई जा सकती है. ऐसे में लोगों को सीपीआर की तकनीक समझाने के लिए ये राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) की स्थापना 1975 में तत्कालीन प्रधान मंत्री द्वारा गठित एक कार्य समूह की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी. (ANI इनपुट के साथ)
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