ज्योतिरादित्य सिंधिया को BJP में लाने में जफर इस्लाम ने निभाई बड़ी भूमिका

केंद्रीय नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, संजय पाठक, अरविंद भदौरिया और सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले जफर इस्लाम लगाया गया था.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को BJP में लाने में जफर इस्लाम ने निभाई बड़ी भूमिका

जफर इस्लाम ने साल 2014 में बीजेपी ज्वाइन की थी

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने में बीजेपी ने अपने पांच नेताओं को लगाया था जिसमें केंद्रीय नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, संजय पाठक, अरविंद भदौरिया और सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले जफर इस्लाम लगाया गया था. जफर इस्लाम के बारे में बताया जा रहा है कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. बताया जा रहा है कि जब सिंधिया की पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी तो साथ में जफर इस्लाम भी मौजूद थे. आपको बता दें कि जफर इस्लाम और ज्योतिरादित्य सिंधिया इन्वेस्टमेंट बैंकर रहे हैं और दोनों ने साथ में काम किया है. जफर इस्लाम ने साल 2014 में बीजपी ज्वाइन की थी और इससे बाद वह पार्टी की ओर से कई मामलों में अपनी राय रखते हैं. इसके बाद मध्य प्रदेश स्तर की राजनीति में सारे समीकरणों को साधने के लिए नरोत्तम मिश्रा ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. वहीं संजय पाठक और विश्वास सारंग ने भोपाल से लेकर बेंगलुरु तक मोर्चा संभाले रखा.  वहीं मुख्यमंत्री की कुर्सी से कमलनाथ के इस्तीफे के बाद अब बीजेपी का दावा है कि  मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के इस्तीफे के बीजेपी ने प्रदेश में निर्दलीय, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के विधायकों का समर्थन हासिल होने का दावा किया है.  

विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में बीजेपी विधायक अरविंद भदौरिया ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी को निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों का समर्थन हासिल है. उन्होंने कहा, 'लगभग सभी निर्दलीय विधायक हमारे साथ हैं. सपा और बसपा के विधायक पहले से ही हमारे साथ थे, फिलहाल वे यहां नहीं हैं लेकिन हमारी उनसे बात हो गई है. ये सभी विधायक प्रदेश में सकारात्मक राजनीति चाहते हैं.' भदौरिया ने कहा कि बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के विधायक बार-बार कह रहे थे कि वह कांग्रेस नेताओं से नहीं मिलता चाहते लेकिन पार्टी के नेताओं ने जबदस्ती अंदर घुसने और विधायकों को ले जाने की कोशिश की. 

उन्होंने कहा, 'अब, तस्वीर साफ है. उन्हें अपना बहुमत साबित करने के लिए सदन में आना चाहिए था. विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से अधिक वोट मिले थे.' मध्यप्रदेश में दो सप्ताह लंबी चली राजनीतिक रस्साकशी में भदौरिया प्रमुख भूमिका में रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने इस दौरान कई मौकों पर उनका नाम लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस के विधायकों को बेंगलुरु में बंदी बनाया गया है. बेंगलुरु से आई कई तस्वीरों में भदौरिया इन विधायकों के साथ दिखाई दिए थे.

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मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस सरकार में शामिल बालाघाट जिले से निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया.  विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने गुरुवार रात को कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए. इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार दोपहर को राज्यपाल को त्यागपत्र सौंप दिया. (इनपुट भाषा से भी)