प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के बीच उद्योग मंडल 'एसोचैम' के एक ताजा सर्वे के मुताबिक सेहतमंद रहने के लिये योग जैसी प्राचीन पद्धति को अपनाने वालों की संख्या में पिछले एक साल में 30 प्रतिशत की उत्साहजनक बढ़ोतरी हुई है। इसकी मांग में भी 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
कंपनियों में चल रहा योग सेशन
सर्वे के मुताबिक 53 प्रतिशत कारपोरेट कंपनियों ने कार्य क्षमता की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए अपने यहां योग सेशन की शुरुआत की है। उनका मकसद इसके जरिये अपने कार्यबल का बीमारियों से बचाव, मानसिक दृढ़ता में इजाफा, स्मस्ण शक्ति में बढ़ोतरी और ऑफिस के दबाव को झेलते हुए बेहतर कार्य प्रदर्शन से है। इसका लाभ भी देखने को मिला है और पिछले साल के 20 प्रतिशत की तुलना में इस साल कारपोरेट जगत में योग सीखने वालों की संख्या में 35-40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
योग ट्रेनर की बढ़ती मांग
इस क्षेत्र में वार्षिक स्तर पर 30-40 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बीच योग शिक्षकों की मांग में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिलती है। सेलेब्रिटीज के बीच योग की बढ़ती मांग के बीच सिखाने वाले अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर 400-1500 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं।
सर्वे के मुताबिक लखनऊ के योग केंद्रों में अभ्यास करने वालों की तादाद में 45 फीसद का उछाल आया है और इसमें ज्यादातर महिलाएं हैं। एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने सोमवार को यहां बताया कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कसरत की पुरातन पद्धति के फायदे लेने और आध्यात्मिक विकास के लिये बड़ी संख्या में लोग योग की तरफ आ रहे हैं। इनमें छात्र, दिनभर थकान भरा काम करने वाले विभिन्न पेशों से जुड़े लोग, कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सेवानिवृत्त लोग भी शामिल हैं।
योग बनाम जिम
उन्होंने बताया कि एसोचैम के सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने लखनऊ अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और मुंबई समेत 10 बड़े शहरों में 'योग या जिम' शीर्षक से सर्वे किया है। रावत ने बताया कि इस दौरान 100 जिम प्रशिक्षकों, फिटनेस पेशेवरों तथा जिम में पसीना बहाने वाले 1000 लोगों से बातचीत की गयी। सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि योग करने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
ज्यादातर जिम प्रशिक्षकों ने कहा कि उनके जिमखाने में आयी 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं ने अपेक्षाकृत अधिक फायदा देखते हुए जिम की कसरत छोड़कर योग को अपना लिया है। हालांकि अधिकतर जिम प्रशिक्षकों का मानना है कि योग के साथ-साथ जिम का साथ भी बरकरार रखना सेहत के लिये ज्यादा फायदेमंद होगा।
अध्ययन के अनुसार लखनऊ के योग केंद्रों में आने वाले लोगों की संख्या में 45 प्रतिशत तक का उछाल आया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं।रावत ने बताया कि योग की आदत ने एक अच्छा खासा बाजार भी तैयार किया है। देश में अनुमान के तौर पर करीब चार करोड़ लोग योगाभ्यास करते हैं। इसके लिये वे लगभग एक हजार करोड़ रुपये के विशेष वस्त्र, बिछावन, तौलिये और अन्य साजोसामान का इस्तेमाल करते हैं।
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
कंपनियों में चल रहा योग सेशन
सर्वे के मुताबिक 53 प्रतिशत कारपोरेट कंपनियों ने कार्य क्षमता की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए अपने यहां योग सेशन की शुरुआत की है। उनका मकसद इसके जरिये अपने कार्यबल का बीमारियों से बचाव, मानसिक दृढ़ता में इजाफा, स्मस्ण शक्ति में बढ़ोतरी और ऑफिस के दबाव को झेलते हुए बेहतर कार्य प्रदर्शन से है। इसका लाभ भी देखने को मिला है और पिछले साल के 20 प्रतिशत की तुलना में इस साल कारपोरेट जगत में योग सीखने वालों की संख्या में 35-40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
योग ट्रेनर की बढ़ती मांग
इस क्षेत्र में वार्षिक स्तर पर 30-40 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बीच योग शिक्षकों की मांग में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिलती है। सेलेब्रिटीज के बीच योग की बढ़ती मांग के बीच सिखाने वाले अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर 400-1500 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं।
सर्वे के मुताबिक लखनऊ के योग केंद्रों में अभ्यास करने वालों की तादाद में 45 फीसद का उछाल आया है और इसमें ज्यादातर महिलाएं हैं। एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने सोमवार को यहां बताया कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कसरत की पुरातन पद्धति के फायदे लेने और आध्यात्मिक विकास के लिये बड़ी संख्या में लोग योग की तरफ आ रहे हैं। इनमें छात्र, दिनभर थकान भरा काम करने वाले विभिन्न पेशों से जुड़े लोग, कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सेवानिवृत्त लोग भी शामिल हैं।
योग बनाम जिम
उन्होंने बताया कि एसोचैम के सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने लखनऊ अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और मुंबई समेत 10 बड़े शहरों में 'योग या जिम' शीर्षक से सर्वे किया है। रावत ने बताया कि इस दौरान 100 जिम प्रशिक्षकों, फिटनेस पेशेवरों तथा जिम में पसीना बहाने वाले 1000 लोगों से बातचीत की गयी। सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि योग करने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
ज्यादातर जिम प्रशिक्षकों ने कहा कि उनके जिमखाने में आयी 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं ने अपेक्षाकृत अधिक फायदा देखते हुए जिम की कसरत छोड़कर योग को अपना लिया है। हालांकि अधिकतर जिम प्रशिक्षकों का मानना है कि योग के साथ-साथ जिम का साथ भी बरकरार रखना सेहत के लिये ज्यादा फायदेमंद होगा।
अध्ययन के अनुसार लखनऊ के योग केंद्रों में आने वाले लोगों की संख्या में 45 प्रतिशत तक का उछाल आया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं।रावत ने बताया कि योग की आदत ने एक अच्छा खासा बाजार भी तैयार किया है। देश में अनुमान के तौर पर करीब चार करोड़ लोग योगाभ्यास करते हैं। इसके लिये वे लगभग एक हजार करोड़ रुपये के विशेष वस्त्र, बिछावन, तौलिये और अन्य साजोसामान का इस्तेमाल करते हैं।
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
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