असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि अगर बाहर से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली तो राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को मई माह का वेतन नहीं दे पाएगी. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार मई के पहले सप्ताह के बाद अप्रैल के वेतन का भुगतान करने में सक्षम होगी, लेकिन इसके बाद सरकार वेतन नहीं दे पाएगी. उन्होंने कहा, 'हमारे लिए मई महीना बहुत मुश्किल है. मुझे नहीं पता कि राजकोष कैसे संचालित होगा. फिर भी हम सात मई के बाद वेतन का भुगतान करने में सक्षम होंगे.'
हालांकि, बिश्व सरमा ने कहा कि जून में अगर कोई मदद नहीं मिलती है तो हम बकाये का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा, 'अगर हमें बाहर से वित्तीय सहायता नहीं मिलती है तो हमारे लिये वेतन का भुगतान करना मुश्किल होगा.'
उन्होंने बजट प्रस्तावों के बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार इस साल अगस्त से अगले साल अप्रैल के बीच इसे लागू करने की कोशिश करेगी. अधिक राजस्व अर्जित करने के लिए कर संरचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी निर्णय केवल जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'एक राज्य के रूप में हम केवल पेट्रोल, डीजल और शराब पर कर लगा सकते हैं. हम उपभोक्ताओं को प्रभावित किए बिना ईंधन पर अधिक कर लगाने के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन यह तब किया जा सकता है जब ईंधन का मूल्य घटे जिससे उपभोक्ता मूल्यों पर ज्यादा असर ना पड़े.'
उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने असम की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए रविवार को उन्हें फोन कर कहा था कि इन मुद्दों पर चर्चा के लिए सभी राज्यों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस बैठक आयोजित की जाएगी.
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