यह ख़बर 22 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

फिर बेनतीजा रही महिला आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक

खास बातें

  • सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने भी पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के हितों का ध्यान रखे जाने पर जोर दिया।
New Delhi:

बसपा, सपा के बहिष्कार और कोटा के भीतर कोटा के अपने रूख पर जदयू के कायम रहने के कारण महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की ओर से मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही। सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने भी पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के हितों का ध्यान रखे जाने पर जोर दिया। बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधेयक पर सहमति बनाने के लिए आगे विचार विमर्श जारी रखा जाएगा और संसद के मानसून सत्र से पहले एक और बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बैठक में भाग नहीं लेने वाले सपा और बसपा के नेताओं से वह अलग से चर्चा करेंगी। हालांकि विधेयक के मौजूदा प्रारूप का विरोध करने वाले दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने रूख पर कायम रहेंगे। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से आमसहमति बनाने का आग्रह किया ताकि सदन में कोई अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो। सुषमा ने कहा, जो सदस्य विधेयक के मसौदे से असहमत हैं उन्हें अपना विचार रखने का मौका दिया जाना चाहिए और संशोधन पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए। लेकिन राज्यसभा की तरह मार्शल के इस्तेमाल जैसी स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। उच्च सदन इस विधेयक को पहले ही मंजरी दे चुका है। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा, इस विषय पर आगे बातचीत जारी रहेगी। विधेयक के वर्तमान मसौदे का प्रखर विरोध करने वाले जद यू ने इस मुद्दे पर अपने पूर्व के रूख पर कायम रहने की बात कही। बैठक में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद रामसुंदर दास ने कहा, हम पहले दिन से ही विधेयक में अन्य पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए कोटा के भीतर कोटा का प्रावधान किये जाने की मांग कर रहे हैं। हम अपनी मांग पर कायम है।


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