फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
क्या जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता 5 नवंबर को समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस में भाग लेने के मुलायम सिंह के न्यौते को स्वीकार करेंगे? इस अहम सवाल पर पार्टी असमंजस में फंस गई है. सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और प्रधान महासचिव केसी त्यागी से लंबी मुलाकात की, लेकिन कोई फैसला नहीं ले सके.
बैठक के बाद जब एनडीटीवी ने जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से पूछा कि क्या 5 नवंबर को मुलायम सिंह के कार्यक्रम में वो भाग लेंगे? तो उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में कुछ भी नहीं बोलूंगा".
शिवपाल यादव से मुलाकात के दौरान केसी त्यागी ने कार्यक्रम में भाग लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब पार्टी में इस पर फिर से विचार शुरू हो गया है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता ये मानते हैं कि 5 नवंबर के कार्यक्रम के मुख्य आयोजक शिवपाल हैं. अखिलेश यादव की इसमें कोई भूमिका नहीं है.
दूसरे दलों के नेताओं को बुलाने के फैसले में अखिलेश की सहमति नहीं ली गई. अखिलेश चुनावों के दौरान किसी के साथ गठबंधन करना चाहते या नहीं, इस पर भी तस्वीर अभी साफ नहीं है.
एनडीटीवी ने जब इस बारे में पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी से पूछा तो उन्होंने कहा, "इस बारे में पार्टी को ही अंतिम फैसला लेना है. हमने अजित सिंह के आरएलडी के साथ यूपी चुनावों के लिए एक मोर्चा बनाया है. इस बारे में कोई भी फैसला हम संयुक्त रूप से लेंगे."
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू नेताओं को डर है कि मुलायम परिवार में मचे घमासान का असर चुनावी गठबंधन बनाने के प्रस्ताव पर पड़ सकता है और वो मुलायम परिवार की अंदरूनी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहते. बिहार चुनावों से पहले जिस तरह मुलायम ने साथ छोड़ा, उसके बाद मुलायम पर नीतीश का विश्वास भी कमज़ोर हुआ है.
बैठक के बाद जब एनडीटीवी ने जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से पूछा कि क्या 5 नवंबर को मुलायम सिंह के कार्यक्रम में वो भाग लेंगे? तो उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में कुछ भी नहीं बोलूंगा".
शिवपाल यादव से मुलाकात के दौरान केसी त्यागी ने कार्यक्रम में भाग लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब पार्टी में इस पर फिर से विचार शुरू हो गया है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता ये मानते हैं कि 5 नवंबर के कार्यक्रम के मुख्य आयोजक शिवपाल हैं. अखिलेश यादव की इसमें कोई भूमिका नहीं है.
दूसरे दलों के नेताओं को बुलाने के फैसले में अखिलेश की सहमति नहीं ली गई. अखिलेश चुनावों के दौरान किसी के साथ गठबंधन करना चाहते या नहीं, इस पर भी तस्वीर अभी साफ नहीं है.
एनडीटीवी ने जब इस बारे में पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी से पूछा तो उन्होंने कहा, "इस बारे में पार्टी को ही अंतिम फैसला लेना है. हमने अजित सिंह के आरएलडी के साथ यूपी चुनावों के लिए एक मोर्चा बनाया है. इस बारे में कोई भी फैसला हम संयुक्त रूप से लेंगे."
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू नेताओं को डर है कि मुलायम परिवार में मचे घमासान का असर चुनावी गठबंधन बनाने के प्रस्ताव पर पड़ सकता है और वो मुलायम परिवार की अंदरूनी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहते. बिहार चुनावों से पहले जिस तरह मुलायम ने साथ छोड़ा, उसके बाद मुलायम पर नीतीश का विश्वास भी कमज़ोर हुआ है.
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