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This Article is From Aug 25, 2015

बिहार को पीएम से मिले विशेष पैकेज की पोल खोलेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार को पीएम से मिले विशेष पैकेज की पोल खोलेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 18 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा के बारे में मंगलवार को कहा कि इसमें एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं हैं।

पटना स्थित पुराना सचिवालय में मंगलवार को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों के गत 18 अगस्त को भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि इसके अध्ययन का काम लगभग पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा कि एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेजिंग की बात प्रधानमंत्री के द्वारा कही गई है। एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं जो स्वीकृत हैं, उसकी ही रिपैकेजिंग (पुरानी योजनाओं को शामिल किया गया) की गई है।

बीजेपी नेताओं के लोकसभा चुनाव के समय 'अच्छे दिन' आने के वादे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि अच्छे दिन जिनके आने थे, आ गए। मैंने तो अनेकों बार आंकड़े के साथ बता दिया है कि इस देश में चंद घरानों के अच्छे दिन आ गए। बाकी जिनको इसका इंतजार था, उनकी आशा पर यह कहकर पानी फेर दिया गया कि अच्छे दिन की बात नहीं कही गई थी।

उन्होंने कहा कि इस तरह लोकसभा चुनाव के वक्त जो भी वादा किया गया था, उससे वे एक-एक कर मुकर जाएंगे। बिहार के लोग सचेत हैं, यहां आकर पैकेज का झांसा दिया गया। पैकेज की राजनीति करने की कोशिश हो रही है इसलिए हम पैकेज के सच को पूरी तरह उजागर करने के लिए उसमें वर्णित एक-एक परियोजना की सच्चाई लोगों के सामने लाएंगे।

नीतीश ने कहा 'हम पहले से ही बराबर बोला करते थे कि ये पैकेज नहीं रिपैकेजिंग है। यह पैकेज पॉलिटिक्स है और कुछ नहीं है।' बिहार को विशेष दर्जा देने को लेकर केंद्र को लिखे गए अपने पत्र की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने जो पत्र लिखा था उसका कोई उत्तर नही आया। हमने विशेष राज्य के दर्जा के अलावे विभिन्न क्षेत्रों में सहायता की बात की थी।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने विशेष राज्य के दर्जा के अलावे विशेष सहायता की बात की थी। लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री ने जो-जो वादा किया था, उससे धीरे-धीरे मुकर जाएंगे और पैकेजिंग की राजनीतिक कोशिश में लग जाएंगे।

नीतीश ने विकास मित्रों द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा कि रेल का परिचालन केन्द्र के अधिकार क्षेत्र में आता है। रेललाईन का दोहरीकरण के लिए राशि प्रदान करना बिहार पर कृपा नहीं है। इसमें राज्य सरकार का कौन सा एहसान है। दो-दो रेल कारखाना बिहार में पहले से तय हैं। उसे अगर प्रारंभ किया जाता तो लोगों को रोजगार सुलभ होता। बिहार की लंबित रेल परियोजनाओं को शुरू किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नई योजनाओं में 60 प्रतिशत की राशि केन्द्र सरकार देगी और चालीस प्रतिशत की राशि राज्य सरकार देगी। इसे भी केन्द्र सरकार सौ प्रतिशत पैकेजिंग मानती है।

नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेजिंग के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कम उम्र के युवा भ्रमित हो रहे हैं कि एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये की राशि में बिहार को बहुत कुछ मिल गया।

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