मुंबई:
शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सफाई दी है कि उन्होंने उत्तराखंड दौरे के लिए नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं की है। उन्होंने कहा कि मोदी से देश को बहुत ज्यादा उम्मीद है।
उद्धव ने कहा कि हमने आज के लेख में जो कहा है, वह हमारी अपेक्षा है। प्रचार करने वालों से हमने कहा है कि मोदी जी ने जो अच्छा काम किया है, उसको आप संकुचित न करें। पूरे देश के लिए अगर वह काम कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो वैसी छवि को लोगों के सामने लाएं।
दरअसल, आज 'सामना' में उद्धव ठाकरे ने मोदी के उत्तराखंड दौरे पर सवाल उठाए थे। उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि मोदी ने सिर्फ गुजरातियों की बात करके ठीक नहीं किया। वह देश के नेता हैं और उन्हें सबकी बात करनी चाहिए। शिवसेना के मुताबिक, मोदी का प्रचार करने वालों को समझना चाहिए कि राष्ट्रीय आपदा में मदद धर्म है, मेहरबानी नहीं। ऐसे मौकों पर मजहब नहीं देखा जाता, क्षेत्रीयता नहीं देखी जाती। वैसे, सोमवार को भी शिवसेना ने यह सवाल उठाया था कि एनडीए को नए साथी कहां से मिलेंगे?
’सामना’ में शिवसेना ने लिखा है, मोदी अब आप देश के नेता बने हैं और सिर्फ गुजरातियों को बचाने का दावा करना सही नहीं। ऐसा प्रचार आपके लिए हानिकारक है। आप से अब राष्ट्रीय भावना से काम करने की उम्मीद है। राष्ट्रीय आपदा में कैसा धर्म, कैसा प्रांतवाद, आईटीबीपी ने अपने बचाव में ऐसा कोई भेदभाव नहीं किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने ऐसा भेदभाव नहीं किया। उन्होंने अपने राज्य के लोगों को बचाया, साथ ही औरों की भी मदद की। यह है, मराठी बाना।
उन्होंने आगे लिखा, मोदी का पीआर करने वाले एक बात समझ लें। यह बताना बंद करें कि मोदी ने सिर्फ गुजरातियों को बचाया। यह मोदी की छवि के लिए ठीक नहीं। इससे कांग्रेस को खुद की विफलता छुपाने का मौका बेवजह मिल गया। मोदी के पीआर करने वाले याद रखें कि राष्ट्रीय आपदा में मदद धर्म है, मेहरबानी नहीं। शिवसेना भी अपने तरीके से मदद कर रही है, क्योंकि हमारा दिल हिन्दुस्तानी है।
उद्धव ने कहा कि हमने आज के लेख में जो कहा है, वह हमारी अपेक्षा है। प्रचार करने वालों से हमने कहा है कि मोदी जी ने जो अच्छा काम किया है, उसको आप संकुचित न करें। पूरे देश के लिए अगर वह काम कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो वैसी छवि को लोगों के सामने लाएं।
दरअसल, आज 'सामना' में उद्धव ठाकरे ने मोदी के उत्तराखंड दौरे पर सवाल उठाए थे। उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि मोदी ने सिर्फ गुजरातियों की बात करके ठीक नहीं किया। वह देश के नेता हैं और उन्हें सबकी बात करनी चाहिए। शिवसेना के मुताबिक, मोदी का प्रचार करने वालों को समझना चाहिए कि राष्ट्रीय आपदा में मदद धर्म है, मेहरबानी नहीं। ऐसे मौकों पर मजहब नहीं देखा जाता, क्षेत्रीयता नहीं देखी जाती। वैसे, सोमवार को भी शिवसेना ने यह सवाल उठाया था कि एनडीए को नए साथी कहां से मिलेंगे?
’सामना’ में शिवसेना ने लिखा है, मोदी अब आप देश के नेता बने हैं और सिर्फ गुजरातियों को बचाने का दावा करना सही नहीं। ऐसा प्रचार आपके लिए हानिकारक है। आप से अब राष्ट्रीय भावना से काम करने की उम्मीद है। राष्ट्रीय आपदा में कैसा धर्म, कैसा प्रांतवाद, आईटीबीपी ने अपने बचाव में ऐसा कोई भेदभाव नहीं किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने ऐसा भेदभाव नहीं किया। उन्होंने अपने राज्य के लोगों को बचाया, साथ ही औरों की भी मदद की। यह है, मराठी बाना।
उन्होंने आगे लिखा, मोदी का पीआर करने वाले एक बात समझ लें। यह बताना बंद करें कि मोदी ने सिर्फ गुजरातियों को बचाया। यह मोदी की छवि के लिए ठीक नहीं। इससे कांग्रेस को खुद की विफलता छुपाने का मौका बेवजह मिल गया। मोदी के पीआर करने वाले याद रखें कि राष्ट्रीय आपदा में मदद धर्म है, मेहरबानी नहीं। शिवसेना भी अपने तरीके से मदद कर रही है, क्योंकि हमारा दिल हिन्दुस्तानी है।
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