फ्लोर टेस्ट से पहले बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया
नई दिल्ली:
कर्नाटक विधानसभा में शनिवार को विश्वास मत से ठीक पहले एक अप्रत्याशित इस्तीफा हुआ. 'मैं विश्वास मत का समाना नहीं करूंगा, मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं,' बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा में अपने भावुक भाषण में ये कहा और इसके बाद वो राज्यपाल वजूभाई वाला को इस्तीफा सौंपने के लिए निकल गए.गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले येदियुरप्पा शनिवार तक कहते रहे कि वह 100 फीसदी बहुमत साबित कर देंगे. इसी तरह बीजेपी के केंद्रीय नेता प्रकाश जावड़ेकर और अनंत कुमार भी यही कहते रहे. हालांकि, कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) आरोप लगाते रहे कि बीजेपी शक्ति परीक्षण से पहले उनके विधायकों को प्रलोभन देने और धमकाने की कोशिश करती रही. शुक्रवार से कांग्रेस द्वारा अपने आरोपों के समर्थन में सबूत के तौर पर तीन ऑडियो टेप जारी किए गए.
यह भी पढ़ें: कर्नाटक: येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किये बगैर इस्तीफा दिया, 10 बातें
सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट कराए जाने के फैसले से ठीक एक घंटे पहले तक, कांग्रेस के दो विधायक जो कि सुबह से विधानसभा से गायब बताए जा रहे थे, उनको लेकर भी हलचल रही. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उन दो विधायकों को बीजेपी विधायक सोमशेखर रेड्डी जो कि खुद ही गायब हैं, के द्वारा बंधक बनाकर रखा गया है. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व चुनावी साल में पार्टी की छवि पर कोई 'दाग' नहीं चाहता है.बीजेपी के पास 104 विधायक हैं, और एक के प्रोटेम स्पीकर बन जाने के बाद 103 विधायक बचे, जो कि बहुमत से 8 कम थे.
यह भी पढ़ें: जानिए, कर्नाटक विधानसभा में आज अपने भाषण के दौरान क्या-क्या बोले बीएस येदियुरप्पा
तो बाकी के विधायक कहां से आएंगे? इस सवाल का जवाब कोई वाजिब जवाब नहीं था, तब भी नहीं जब शुक्रवार को बीजेपी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रही थी. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त मिला था. ऐसे में यह मानते हुए कि विपक्षी विधायकों को अपनी तरफ करने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल हो सकता है, कोर्ट ने कल आदेश दिया कि बीजेपी सरकार को शनिवार को ही विश्वास मत हासिल करना होगा. सुप्रीम कोर्ट का आदेश और खरीद-फरोख्त की ओर इशारा बीजेपी के लिए शर्मिंदा करने वाले थे.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को शाह ने बताया ‘अपवित्र’, बोले- ऐसी सरकारें ज्यादा दिन नहीं चलती
सूत्रों ने बताया कि पार्टी जानती थी कि येदियुरप्पा जरूरी संख्या नहीं जुटा पाएंगे, और इन परिस्थितियों में वह विश्वात मत जीतने के प्रति लगातार निराश हो रही थी और कम से कम नैतिक स्तर पर खुद को बचाए रखना चाहती थी. सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा के पास शनिवार सुबह ही यह संदेश पहुंचा. जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है लाइव स्ट्रीमिंग, तभी विश्वास मत से ठीक पहले नाटकीय इस्तीफे और भाषण की तैयारी शुरू हो गई थी.
VIDEO: बुधवार को CM पद की शपथ लेंगे एच.डी. कुमारस्वामी
1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी विश्वास मत से ठीक पहले यादगार भाषण देकर इस्तीफा दे दिया था.
यह भी पढ़ें: कर्नाटक: येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किये बगैर इस्तीफा दिया, 10 बातें
सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट कराए जाने के फैसले से ठीक एक घंटे पहले तक, कांग्रेस के दो विधायक जो कि सुबह से विधानसभा से गायब बताए जा रहे थे, उनको लेकर भी हलचल रही. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उन दो विधायकों को बीजेपी विधायक सोमशेखर रेड्डी जो कि खुद ही गायब हैं, के द्वारा बंधक बनाकर रखा गया है. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व चुनावी साल में पार्टी की छवि पर कोई 'दाग' नहीं चाहता है.बीजेपी के पास 104 विधायक हैं, और एक के प्रोटेम स्पीकर बन जाने के बाद 103 विधायक बचे, जो कि बहुमत से 8 कम थे.
यह भी पढ़ें: जानिए, कर्नाटक विधानसभा में आज अपने भाषण के दौरान क्या-क्या बोले बीएस येदियुरप्पा
तो बाकी के विधायक कहां से आएंगे? इस सवाल का जवाब कोई वाजिब जवाब नहीं था, तब भी नहीं जब शुक्रवार को बीजेपी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रही थी. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त मिला था. ऐसे में यह मानते हुए कि विपक्षी विधायकों को अपनी तरफ करने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल हो सकता है, कोर्ट ने कल आदेश दिया कि बीजेपी सरकार को शनिवार को ही विश्वास मत हासिल करना होगा. सुप्रीम कोर्ट का आदेश और खरीद-फरोख्त की ओर इशारा बीजेपी के लिए शर्मिंदा करने वाले थे.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को शाह ने बताया ‘अपवित्र’, बोले- ऐसी सरकारें ज्यादा दिन नहीं चलती
सूत्रों ने बताया कि पार्टी जानती थी कि येदियुरप्पा जरूरी संख्या नहीं जुटा पाएंगे, और इन परिस्थितियों में वह विश्वात मत जीतने के प्रति लगातार निराश हो रही थी और कम से कम नैतिक स्तर पर खुद को बचाए रखना चाहती थी. सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा के पास शनिवार सुबह ही यह संदेश पहुंचा. जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है लाइव स्ट्रीमिंग, तभी विश्वास मत से ठीक पहले नाटकीय इस्तीफे और भाषण की तैयारी शुरू हो गई थी.
VIDEO: बुधवार को CM पद की शपथ लेंगे एच.डी. कुमारस्वामी
1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी विश्वास मत से ठीक पहले यादगार भाषण देकर इस्तीफा दे दिया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं