याकूब मेमन (फाइल फोटो)
कोलकाता:
भाजपा नेता अरशद आलम ने सोमवार को मुंबई विस्फोट के आरोपी याकूब मेमन की फांसी का विरोध करने वाले बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और अन्य को गद्दार बताया और कहा कि उन सबको पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए।
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव आलम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि कुछ लोग याकूब मेमन की फांसी का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले गद्दार हैं। किसी भी पार्टी से जुड़ा चाहे कोई भी हो जो इसका विरोध कर रहा है वह गद्दार है और उन्हें पाकिस्तान और सऊदी अरब चले जाना चाहिए।’’
बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में मेमन को फांसी दिए जाने की आलोचना की और उसे बेकसूर बताया, लेकिन बाद में ट्वीट वापस लेते हुए बिना शर्त माफी मांग ली थी।
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के याकूब मेमन की दया याचिका पर दस्तखत करने के बारे में पूछे जाने पर आलम ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि सिन्हा ने क्या कहा है, लेकिन मुझे लगता है कि जो कोई भी विरोध कर रहा है वो गद्दार और राष्ट्र विरोधी है। बेहतर होगा कि वो पाकिस्तान चले जाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले का हर किसी को सम्मान करना चाहिए। बंबई विस्फोट में हिंदू और मुस्लिम दोनों मारे गए। इसलिए इसे सांप्रदायिक रंग देना गलत है। अगर किसी को याकूब से सहानुभूति है, तो उन्हें विस्फोट के पीड़ितों के परिवार वालों के यहां जाना चाहिए।’’
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव आलम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि कुछ लोग याकूब मेमन की फांसी का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले गद्दार हैं। किसी भी पार्टी से जुड़ा चाहे कोई भी हो जो इसका विरोध कर रहा है वह गद्दार है और उन्हें पाकिस्तान और सऊदी अरब चले जाना चाहिए।’’
बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में मेमन को फांसी दिए जाने की आलोचना की और उसे बेकसूर बताया, लेकिन बाद में ट्वीट वापस लेते हुए बिना शर्त माफी मांग ली थी।
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के याकूब मेमन की दया याचिका पर दस्तखत करने के बारे में पूछे जाने पर आलम ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि सिन्हा ने क्या कहा है, लेकिन मुझे लगता है कि जो कोई भी विरोध कर रहा है वो गद्दार और राष्ट्र विरोधी है। बेहतर होगा कि वो पाकिस्तान चले जाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले का हर किसी को सम्मान करना चाहिए। बंबई विस्फोट में हिंदू और मुस्लिम दोनों मारे गए। इसलिए इसे सांप्रदायिक रंग देना गलत है। अगर किसी को याकूब से सहानुभूति है, तो उन्हें विस्फोट के पीड़ितों के परिवार वालों के यहां जाना चाहिए।’’
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