
भद्रेश्वर में हादसे में लापता लोगों की खोज के लिए तलाश अभियान जारी है.
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उत्तरी 24 परगना जिले के श्यामनगर जाने के लिए इंतजार कर रहे थे यात्री
बांस से बनी 150 फुट ऊंची जेटी टूटकर हुगली नदी में गिर गई
स्थानीय लोगों ने एनडीआरएफ दल के पहुंचने से पहले कुछ लोगों को बचाया
पुलिस के अनुसार, यात्री नदी पार करके उत्तरी 24 परगना जिले के श्यामनगर जाने के लिए इंतजार कर रहे थे. इस दौरान लकड़ी का ढांचा गिरने से वह नदी में गिर गए. वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने राज्य आपदा प्रबंधन दल के पहुंचने से पहले कुछ लोगों को बचा लिया. एक अधिकारी ने कहा, "हम अब तक करीब 30-35 लोगों को बचाने में कामयाब रहे हैं. केंद्रीय आपदा प्रबंधन दल अभी भी बचाव अभियान जारी रखे हुए है." उन्होंने कहा, "बचाए गए लोगों में से 8 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लेकिन सभी की हालत स्थिर बनी हुई है."
भद्रेश्वर नगरपालिका के अध्यक्ष मनोज उपाध्याय के अनुसार इस घटना में जान गंवाने वाले दो लोगों की पहचान राजा चौधरी और मानस घोष के रूप में की गई है. यह दोनों चंद्रनगर के निवासी थे.
हुगली के पुलिस अधीक्षक सुकेश जैन ने कहा, "हुगली जिले के भद्रेश्वर में तेलिनिपारा घाट पर एक अस्थायी तटबंध के उच्च ज्वार में जेटी के ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई. तेरह लोग अभी भी लापता हैं." जैन ने कहा कि स्थानीय लोगों ने तुरंत कोशिश करके छोटी नौकाओं के जरिए 18 लापता लोगों का पता लगा लिया. उन्हें चंदननगर उप मंडलीय अस्पताल ले जाया गया जहां दो महिलाओं सहित तीन लोगों को मृत घोषित कर दिया गया.
भद्रेश्वर पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे. बाद में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मचारी लोगों की खोज में शामिल हुए.
एनडीआरएफ उप कमांडेंट (कोलकाता) अभय कुमार सिंह ने कहा, ‘‘बचाव अभियान में कई तरह की चीजें जैसे ज्वार-भाटा और कम दृश्यता बाधा डाल रही है.’’ राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायल हुए लोगों को 25,000 की राशि देने की घोषणा की है.
राज्यपाल केएन त्रिपाठी ने पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना जताई है.
(इनपुट एजेंसियों से)
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