चीन से लगी सीमा पर सिर्फ चीनी सैनिक ही आक्रमक नहीं हैं, भारतीय सैनिक भी उतने ही आक्रमक हैं. ये कहना है भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानी कि आईटीबीपी के महानिदेशक एस एस देसवाल का. इस बल के जिम्मे है चीन से लगी सरहद की रखवाली करना. आईटीबीपी के 57वें स्थापना दिवस से पहले आईटीबीपी के डीजी ने चीन से लगी सीमा पर अतिक्रमण के बारे पूछे जाने पर कहा कि सीमा पर भारत और चीन को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं. सीमा पर हर जगह भारत और चीन के सैनिक पैट्रोलिंग करते हैं, क्योंकि दोनों ही देशों की वास्तिवक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणा है. कई बार ऐसा भी होता है जब दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग करते हुए आमने सामने आ जाती हैं तो तनाव हल करने के लिए एक मैकेनिज्म बना हुआ है जिसका पालन दोनों देशों की सेनाएं करती हैं.
देसवाल ने ये भी कहा कि जिसे चीन की सीमा का अतिक्रमण कहा जाता है उसे हम (आईटीबीपी) पैट्रोलिंग मानते हैं. क्योंकि सीमा पर गश्त के दौरान दोनों देशों के सैनिक कभी कभी आमने सामने आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि वे देश को भरोसा दिलाने चाहते हैं कि चीन सीमा पूरी तरह से सुरक्षित है और दोनों देशों के बीच सीमा पर उत्पन होने वाले किसी भी हालात या टकराव को लेकर ऐसे स्थापित तंत्र हैं जिनसे सभी मुद्दों को सुलझाया जा सकता है.
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आईटीबीपी के डीजी ने कहा कि चीन के साथ जो राजनयिक स्तर पर रिश्ते सुधारने के लिये जो कदम उटाये जा रहे है वो अपनी जगह हैं लेकिन सरहद पर बल पहले की तरह मुस्तैद है.
देसवाल ने कहा कि बल भारत-चीन सीमा पर 180 मजबूत सीमा चौकियों के साथ देश की सरहदों की बहुत ताकत के साथ हिफाजत कर रहा है. उन्होंने बल में हाल के दिनों में हासिल की गई उपलब्धियों का विस्तार से वर्णन किया और पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर दिए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बल ने पिछले 5 वर्षों के दौरान सभी क्षेत्रों में बहुत तरक्की की है और यह और बलशाली हुआ है. उन्होंने बल में शामिल किए गए नए उपकरणों, वाहनों आदि की जानकारी दी और कहा कि आने वाले समय में बल द्वारा सीमाओं पर आधारभूत संरचना आदि के निर्माण के विषय में कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बल कि आवश्यकता को देखते हुए सीमाओं पर प्रियॉरिटी रोड की निर्माण की गति को तेज किया गया है और भविष्य में आधारभूत संरचना के निर्माण में और तेजी लाई जाएगी. उन्होंने बल की क्षमताओं के विषय में कहा कि बल प्रत्येक परिस्थिति से निबटने के लिए हमेशा तैयार है और सरकार द्वारा सौंपी गई किसी भी प्रकार की ड्यूटी को निभाने में सक्षम है.
उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बल द्वारा किए जा रहे अभियानों और उपलब्धियों की भी जानकारी दी और कहा कि बल देश की आंतरिक सुरक्षा की सौंपी गई ड्यूटीज में भी खरा उतरता रहा है. देसवाल ने अपने संबोधन में बल द्वारा बल कर्मियों के कल्याण से संबंधित कई योजनाओं आदि के विषय में जानकारी दी और कहा कि अपने कर्मियों के कल्याण के विषय में बल हमेशा संवेदनशील होकर काम करता है. उन्होंने बल के पर्वतारोहण के क्षेत्रों में उपलब्धियों और रेस्क्यू एंड रिलीफ ऑपरेशंस में इसके योगदान की भी विस्तार से चर्चा की.
आइटीबीपी की स्थापना दिवस परेड 24 अक्टूबर 2019 को 39वीं वाहिनी आइटीबीपी ग्रेटर नोएडा में आयोजित की जा रही है जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे. 24 अक्टूबर 1962 को आइटीबीपी का गठन भारत-चीन सीमा संघर्ष के दौरान विशेष परिस्थितियों में किया गया था. बल को पर्वतारोहियों के बल के रूप में जाना जाता है जिसकी अग्रिम चौकियां लगभग 19000 फीट तक की ऊंचाइयों में स्थित हैं.
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