
भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर घिर दिख रही बीजेपी सरकार के संकट मोचक बने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विरोधियों से बातचीत की पहल की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'हम बैकफुट नहीं है। हम फ्रंट फुट पर हैं। हम वह हैं, जो चौके छक्के जड़ते हैं।'
संसद के अधिवेशन को बीच में छोड़ मुंबई आए गड़करी ने कहा कि वह शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात कर भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर शिवसेना का विरोध खत्म करेंगे।
शिवसेना एनडीए में 18 सांसदों के साथ, बीजेपी के बाद सबसे बड़ा दल है जो इस बिल का विरोध कर रहा है। साथ ही उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र में इस बिल के विरोध में अलख जगाने के आदेश भी दिए हैं। जिसके बाद बीजेपी अब शिवसेना के मान मानौवल में लगी दिखाई दे रही है।
मुंबई के एक दिवसीय दौरे पर आए गडकरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विरोध खत्म करने के लिए वह लोकसभा में शिवसेना के नेता और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते समेत एनडीए के सहयोगी सांसद राजू शेट्टी से भी पहले ही मुलाक़ात कर चुके हैं।
गडकरी ने राजनीतिक दलों के साथ समाजसेवी अण्णा हजारे से भी मुलाक़ात की बात कही है। वे चाहते हैं कि अण्णा यूपीए और एनडीए के बिल के मसौदों के भेद को समझे। हालांकी एक सवाल के जवाब में गड़करी ने माना कि, यह कवायद काफ़ी पहले हो जानी चाहिए थी। अपने बिल के अच्छे पहलू जनता तक ले जाने में केंद्र सरकार कम पड़ गई।
नितिन गडकरी के पास कभी ग्रामीण विकास मंत्रालय का भी जिम्मा था। इसके चलते एनडीए के भूमि अधिग्रहण बिल को यूपीए के बिल के मुक़ाबले बेहतर होने का दावा करने से वे नहीं चूकते। गडकरी ने कहा की मौजूदा मसौदे से उद्योगों का विकेंद्रीकरण होगा, जिससे रोजगार बढ़ेंगे। साथ ही किसानों को खेती को सिंचाई के लिए पानी भी मिल सकेगा।
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