किसान आंदोलन पर अमेरिकी बयान के बाद भारत ने कैपिटल हिल पर हुई हिंसा का किया उल्लेख

विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमें ऐसे बयानों को पूरी समग्रता से देखना होगा. अमेरिका ने कृषि सुधारों को लेकर भारत द्वारा उठाए गए कदमों को स्वीकार किया है. भारत और अमेरिका दोनों प्रगतिशील लोकतंत्र हैं."

किसान आंदोलन पर अमेरिकी बयान के बाद भारत ने कैपिटल हिल पर हुई हिंसा का किया उल्लेख

Farmers Protest को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय सेलेब्रिटी ने किया है ट्वीट

नई दिल्ली:

भारत ने खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) और उसके अलगाववादी अभियान रिफ्रेंडम 2020 की जांच के लिए अमेरिका से मदद मांगी है. यह अनुरोध अमेरिकी न्याय विभाग को भेजा गया है. किसान आंदोलन के तार खालिस्तान गुटों से जुड़े होने के आरोपों को लेकर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी. किसान आंदोलन को लेकर पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया है.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली (Republic Day tractor rally ) के दौरान हिंसा के पीछे विदेशी साजिश का हवाला देते हुए एक केस दर्ज किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने किसान आंदोलन (Farmers Protest)  पर अमेरिका के बयान का संज्ञान लिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "हमें ऐसे बयानों को पूरी समग्रता से देखना होगा. अमेरिका ने कृषि सुधारों को लेकर भारत द्वारा उठाए गए कदमों को स्वीकार किया है. भारत और अमेरिका दोनों प्रगतिशील लोकतंत्र हैं." मंत्रालय ने(Ministry of External Affairs) यह भी कहा कि ऐतिहासिक लाल किले पर हिंसा और तोड़फोड़ को लेकर भारत में वैसे भावनाएं सामने आईं, जैसे कि 6 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर हुई घटना को लेकर. इन मामलों में स्थानीय कानूनों के अनुसार निपटा जा रहा है.

एनसीआर के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद होने को लेकर सरकार ने कहा कि यह समझना होगा कि और ज्यादा हिंसा को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना ने सबसे पहले यह मुद्दा उठाया था.

सरकार की यह प्रतिक्रिया पॉप आइकन रिहाना और उसके बाद कई अमरिकी नेताओं और सेलेब्रिटी के ट्वीट के बाद आई. इसमें दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के दो माह से चल रहे आंदोलन का उल्लेख है.शाम को विदेश विभाग की ब्रीफिंग के हवाले से एक प्रवक्ता ने कहा था, हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण आंदोलन किसी भी प्रगतिशील लोकतंत्र की पहचान है और भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है. हम लंबित मुद्दों को सभी पक्षों के बीच संवाद से हल करने को प्रोत्साहन देते हैं.

अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, सामान्यतया अमेरिका (United States) उस कदम का स्वागत करता है, जिससे भारत के बाजार की प्रभाव क्षमता बढ़े और ज्यादा निजी निवेश आकर्षित किया जा सके. इसे कृषि कानून के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है. रिहाना के ट्वीट के बाद भारत के नेताओं, कलाकार और खिलाड़ियों ने कहा है कि भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता और कहा कि सरकार इस स्थिति को संभाल लेगी.

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