करोड़ों रुपये के अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में एक नया मोड़ आ गया है। ताजा विवाद इस सौदे में कथित रूप से दलाल की भूमिका निभाने वाले क्रिस्टियन माइकल के एक खत से पैदा हुआ है, जो इटली की एक अदालत में पेश किया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुतबिक मार्च, 2008 में माइकल ने यह चिट्ठी वीवीआईपी हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के भारतीय प्रमुख को लिखी थी। इसमें माइकल ने साफ लिखा है कि इस सौदे की मंजूरी दिलवाने के लिए यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी लोगों को शीशे में उतारना होगा।
खत में सिर्फ सोनिया ही नहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, वीरप्पा मोइली और उस वक्त के सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन को भी डील पाने के लिए जरूरी बताया गया। इस डील में कथित रूप से मुख्य दलाल की भूमिका निभाने वाले माइकल ने फैक्स के जरिये ये जानकारी कंपनी के भारतीय अधिकारी को दी थी।
इटली पुलिस ने ये दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं। जनवरी, 2014 में 3600 करोड़ रुपये के इस 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे को रद्द कर दिया गया था। साथ ही क्षतिपूर्ति के लिए 5200 करोड़ रुपये से ज्यादा का दावा भी कंपनी पर ठोका गया है। आरोप है कि डील के लिए 360 करोड़ की घूस दी गई थी। वीवीआई चॉपर डील में हुए इस घोटाले के सामने आने के बाद तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी का नाम भी इस विवाद में सामने आया था, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।
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