कर्नाटक में चल रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच सोमवार को बैठक के बाद कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने जानकारी दी कि कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को फ्लोर टेस्ट किया जाएगा. वहीं कर्नाटक के पांच और बागी विधायकों की अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय सहमत हो गई है. इनकी सुनवाई भी इस्तीफों को स्वीकार करने की मांग कर रहे 10 अन्य विधायकों की अर्जी के साथ ही होगी. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी विश्वास मत से पहले इस्तीफा देने वाले कुछ विधायकों को मनाने की कोशिश में जुटे हैं. वहीं बीजेपी की ओर से सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने या इस्तीफा देने की मांग की गई. उधर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 10 असंतुष्ट विधायकों की याचिकाएं लेकर स्पीकर केआर रमेश को 16 जुलाई तक अपने इस्तीफे और अयोग्यता पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है.
कर्नाटक : सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस के 5 और बागी विधायकों को याचिका को सुनने पर जताई सहमति
बता दें, कर्नाटक के बागी विधायकों ने रविवार को एक बार फिर मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर जान के खतरे की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की है. इस पत्र में उन्होंने किसी भी कांग्रेसी नेता से मिलने से इनकार किया है.
कर्नाटक में कांग्रेस के बागी विधायक एम टी बी नागराज को मनाने की कोशिशें असफल रहने के बाद वह रविवार को मुंबई चले गए जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है. कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के नेताओं ने शनिवार को नागराज से बातचीत की थी ताकि कर्नाटक में एच.डी. कुमारस्वामी नेतृत्व वाली सरकार को बचाने के लिए उन्हें मनाया जा सके.
हालांकि, शहर से रवाना होने से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए होस्कोटे के विधायक नागराज ने कहा कि वह चिकबल्लापुर के विधायक के. सुधाकर से बातचीत के बाद अपना इस्तीफा वापस लेने पर अंतिम फैसला लेना चाहते हैं. नागराज और सुधाकर ने एक साथ 10 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार को इस्तीफा दिया था.
मीडिया से बातचीत के कुछ मिनट बाद नागराज के एक चार्टर्ड उड़ान में सवार होने की तस्वीरें कई स्थानीय समाचार चैनलों पर दिखाई गईं. बाद में नागराज ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि उनके त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है और वह अपने फैसले पर अडिग हैं.
नागराज ने कहा कि इस्तीफा देने वाले सभी विधायक एकजुट हैं. उन्होंने इससे इनकार किया कि विशेष विमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता आर अशोक उनके साथ थे. इससे भी मना किया कि उनके इस्तीफे के पीछे भगवा पार्टी का दबाव है. हालांकि, नागराज ने स्वीकार किया कि अगर सुधाकर मान गए तो वह अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे लेकिन यह कहा कि वह अपने त्यागपत्र पर अब अडिग हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
Video: कर्नाटक विधानसभा में आज विश्वास मत को लेकर हो सकती है चर्चा
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