केंद्रीय मंत्री वीके सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिक के कथित खुदकुशी से जुड़े विवाद में वह थोड़ा बहुत भी शामिल नहीं होना चाहते. वीके सिंह ने इतना जरूर कहा कि एक बात जो सबको जानना चाहिए वह यह कि मृतक कांग्रेस का कार्यकर्ता था और कांग्रेस के टिकट पर वह चुनाव जीतकर सरपंच भी बना था. इस सबके बावजूद वह एक सैनिक था और इस घटना से मैं दुखी हूं.
इसके अलावा सिंह ने वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के मामले में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इसमें अधिकांश चीज़ें दी जा चुकी हैं. अब चार पैसे के लिए कोई कहे कि जी वो एक साल पहले देनी थी, एक साल बाद में देनी थी, उसके अंदर मुझे नहीं पड़ना है. सिंह ने कहा कि जो 40 साल पुरानी डिमांड थी, इस सरकार ने वो पूरी की है. उसमें कुछ त्रुटियां हैं, जिसको रेड्डी कमीशन ठीक कर रहा है. उसके लिए अगर आप इंतज़ार नहीं कर रहे तो यह गलत है.
(पढ़ें- पूर्व सैनिक के अंतिम संस्कार में शामिल हुए राहुल, केजरीवाल, दिल्ली सरकार देगी 1 करोड़ रुपये)
बता दें कि सिंह ने बुधवार को भी उस वक्त एक विवाद को जन्म दे दिया जब उन्होंने कहा कि ओआरओपी को लेकर कथित तौर पर खुदकुशी करने वाले पूर्व सैन्यकर्मी की ‘मानसिक स्थिति’ की जांच की जरूरत है.
पूर्व सैन्यकर्मी राम किशन ग्रेवाल द्वारा कथित तौर पर खुदकुशी किए जाने की घटना पर सिंह ने कहा, "उन्होंने खुदकुशी की है. कोई नहीं जानता कि क्या वजह है. ओआरओपी को एक कारण के तौर पर दिखाया जा रहा है. उनकी मानसिक स्थिति क्या थी, हम नहीं जानते. पहले इसकी जांच होने दीजिए. ओआरओपी को राजनीति से ऊपर रखिए." उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्व सैन्यकर्मियों की लंबित मांगों को स्वीकार कर लिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि रेड्डी कमीशन ने मामले पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रक्षा मंत्रालय को सौंप दी है और अब मंत्रालय को इसका अध्ययन कर इस पर निर्णय लेना है. सिंह की टिप्पणी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. केजरीवाल ने ट्वीट किया, "वीके सिंह आप पर शर्म आती है. उनको (राम किशन) दो बार राष्ट्रपति और एक बार सीओएएस (सेना प्रमुख) से पदक मिले. वह एक सम्मानित सैनिक थे."कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख की ओर से मानसिक स्थिति का सवाल करना बहुत दुखद है.
इसके अलावा सिंह ने वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के मामले में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इसमें अधिकांश चीज़ें दी जा चुकी हैं. अब चार पैसे के लिए कोई कहे कि जी वो एक साल पहले देनी थी, एक साल बाद में देनी थी, उसके अंदर मुझे नहीं पड़ना है. सिंह ने कहा कि जो 40 साल पुरानी डिमांड थी, इस सरकार ने वो पूरी की है. उसमें कुछ त्रुटियां हैं, जिसको रेड्डी कमीशन ठीक कर रहा है. उसके लिए अगर आप इंतज़ार नहीं कर रहे तो यह गलत है.
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बता दें कि सिंह ने बुधवार को भी उस वक्त एक विवाद को जन्म दे दिया जब उन्होंने कहा कि ओआरओपी को लेकर कथित तौर पर खुदकुशी करने वाले पूर्व सैन्यकर्मी की ‘मानसिक स्थिति’ की जांच की जरूरत है.
पूर्व सैन्यकर्मी राम किशन ग्रेवाल द्वारा कथित तौर पर खुदकुशी किए जाने की घटना पर सिंह ने कहा, "उन्होंने खुदकुशी की है. कोई नहीं जानता कि क्या वजह है. ओआरओपी को एक कारण के तौर पर दिखाया जा रहा है. उनकी मानसिक स्थिति क्या थी, हम नहीं जानते. पहले इसकी जांच होने दीजिए. ओआरओपी को राजनीति से ऊपर रखिए." उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्व सैन्यकर्मियों की लंबित मांगों को स्वीकार कर लिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि रेड्डी कमीशन ने मामले पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रक्षा मंत्रालय को सौंप दी है और अब मंत्रालय को इसका अध्ययन कर इस पर निर्णय लेना है. सिंह की टिप्पणी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. केजरीवाल ने ट्वीट किया, "वीके सिंह आप पर शर्म आती है. उनको (राम किशन) दो बार राष्ट्रपति और एक बार सीओएएस (सेना प्रमुख) से पदक मिले. वह एक सम्मानित सैनिक थे."कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख की ओर से मानसिक स्थिति का सवाल करना बहुत दुखद है.
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