विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने जब ब्रिटेन हरी झंडी देगा, तभी माल्या को वापस भारत लाया जा सकता है...
भुवनेश्वर:
विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने मंगलवार को कहा कि विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं, लेकिन कब तक भारत लाया जाएगा इसकी कोई निश्चित समय-सीमा नहीं दी जा सकती है. सिंह ने कहा कि प्रत्यर्पण के उद्देश्य से दस्तावेज ब्रिटेन को भेजे गए हैं. उन्होंने कहा, वे दस्तावेजों का परीक्षण कर रहे हैं और हम प्रतीक्षा कर रहे हैं. जब ब्रिटेन हरी झंडी देगा, तभी माल्या को वापस भारत लाया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रत्यर्पण उतना सरल और आसान नहीं हैं, जितना लोग सोचते हैं.
उधर, लंदन में अपने प्रत्यर्पण से जुड़े मामले की सुनवाई के सिलसिले में मंगलवार को वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए 61 साल के माल्या ने कहा, 'मैं लगाए गए सभी आरोपों को नकारता हूं और मैं उन्हें नकारता रहूंगा'. मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अरबुथनाट ने उन्हें चार दिसंबर तक जमानत दे दी. मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई को होगी. उन्होंने भारतीय अधिकारियों पर तंज भी कसा कि 'आप एक अरब पाउंड का सपना देखते रह सकते हैं'.
जनरल वीके सिंह ने कहा कि जब कोई देश प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करता है तो कुछ शर्तें तय की जाती हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और उसके कानून का मानना है कि अगर कोई वैध पासपोर्ट के साथ उनके देश में घुसता है, जिसे बाद में रद्द कर दिया जाता है तो वे कार्रवाई नहीं करेंगे.
सिंह ने कहा, भारत की तरफ से इस उद्देश्य के लिए जरूरी दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से ब्रिटेन के अधिकारियों को भेजे गए हैं, जो फैसला करने से पहले उसका परीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा, फिलहाल कोई समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है कि कब शराब कारोबारी को भारत वापस लाया जाएगा. मंत्री का बयान ऐसे दिन में आया है जब माल्या के अपने प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के लिए लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्टेट अदालत में उपस्थित होना है. माल्या कई बैंकों के बकाए कर्ज की अदायगी में चूक करने को लेकर भारत में वांछित हैं.
कुलभूषण जाधव मामले पर सिंह ने कहा कि भारत ने इस मामले में अंतरराष्टीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है. उसने पाकिस्तान पर वियना संधि का उल्लंघन करने और जाधव को दोषी ठहराने के लिए लेशमात्र भी साक्ष्य के बिना हास्यपूर्ण मुकदमा चलाया.
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना चाहिए, सिंह ने कहा कि मामला गृह मंत्रालय से संबंधित है, जो जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा, मेरी तरफ से हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा, हर कोई जानता है कि हुर्रियत को कहां से धन मिल रहा है. यह भलीभांति ज्ञात है कि जिन गतिविधियों में वो शामिल हैं, वो आतंवादियों की तरह की हैं. उन्होंने कहा कि सबकुछ ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा.
(इनपुट भाषा से)
उधर, लंदन में अपने प्रत्यर्पण से जुड़े मामले की सुनवाई के सिलसिले में मंगलवार को वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए 61 साल के माल्या ने कहा, 'मैं लगाए गए सभी आरोपों को नकारता हूं और मैं उन्हें नकारता रहूंगा'. मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अरबुथनाट ने उन्हें चार दिसंबर तक जमानत दे दी. मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई को होगी. उन्होंने भारतीय अधिकारियों पर तंज भी कसा कि 'आप एक अरब पाउंड का सपना देखते रह सकते हैं'.
जनरल वीके सिंह ने कहा कि जब कोई देश प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करता है तो कुछ शर्तें तय की जाती हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और उसके कानून का मानना है कि अगर कोई वैध पासपोर्ट के साथ उनके देश में घुसता है, जिसे बाद में रद्द कर दिया जाता है तो वे कार्रवाई नहीं करेंगे.
सिंह ने कहा, भारत की तरफ से इस उद्देश्य के लिए जरूरी दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से ब्रिटेन के अधिकारियों को भेजे गए हैं, जो फैसला करने से पहले उसका परीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा, फिलहाल कोई समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है कि कब शराब कारोबारी को भारत वापस लाया जाएगा. मंत्री का बयान ऐसे दिन में आया है जब माल्या के अपने प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के लिए लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्टेट अदालत में उपस्थित होना है. माल्या कई बैंकों के बकाए कर्ज की अदायगी में चूक करने को लेकर भारत में वांछित हैं.
कुलभूषण जाधव मामले पर सिंह ने कहा कि भारत ने इस मामले में अंतरराष्टीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है. उसने पाकिस्तान पर वियना संधि का उल्लंघन करने और जाधव को दोषी ठहराने के लिए लेशमात्र भी साक्ष्य के बिना हास्यपूर्ण मुकदमा चलाया.
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना चाहिए, सिंह ने कहा कि मामला गृह मंत्रालय से संबंधित है, जो जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा, मेरी तरफ से हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा, हर कोई जानता है कि हुर्रियत को कहां से धन मिल रहा है. यह भलीभांति ज्ञात है कि जिन गतिविधियों में वो शामिल हैं, वो आतंवादियों की तरह की हैं. उन्होंने कहा कि सबकुछ ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा.
(इनपुट भाषा से)
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