एबी बर्धन की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
सीपीआई के वरिष्ठ नेता एबी बर्धन का निधन हो गया है। पिछले महीने पक्षाघात की चपेट में आ जाने के बाद उनका नई दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। सोमवार को निमग बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बर्धन के परिवार में उनका बेटा अशोक और बेटी अल्का हैं। नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं उनकी पत्नी का वर्ष 1986 में निधन हो गया था। पिछले महीने पक्षाघात के बाद उन्हें यहां जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जीबी पंत अस्पताल में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और निदेशक डॉक्टर विनोद पुरी ने कहा कि बर्धन का रात आठ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया। उन्हें मस्तिष्क की धमनी में अवरोध के कारण मस्तिष्काघात हुआ था। वह कोमा में थे।
इससे पहले सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा था कि कामरेड बर्धन की हालत शनिवार को ज्यादा खराब हो गई। उन्हें शुक्रवार को वेंटिलेटर से हटाया गया था और वह सामान्य रूप से सांस ले पा रहे थे, लेकिन शनिवार को उनका रक्तचाप गिर गया और उनकी स्थिति बहुत गंभीर हो गई। बर्धन राष्ट्रीय राजधानी में सीपीआई मुख्यालय में रहते थे। उन्हें बेचैनी महसूस होने तथा चेतना खोने के बाद 7 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अर्धेन्दू भूषण बर्धन मजदूर संगठन आंदोलन और महाराष्ट्र में वामपंथी राजनीति का एक प्रमुख चेहरा रहे थे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 1957 में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। बाद में वह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के महासचिव बने, जो भारत का सबसे पुराना मजदूर संगठन है। बर्धन 1990 के दशक में दिल्ली की राजधानी में आए और भाकपा के उप महासचिव बने। वह 1996 में इंद्रजीत गुप्ता की जगह पार्टी के महासचिव बने।
बर्धन के परिवार में उनका बेटा अशोक और बेटी अल्का हैं। नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं उनकी पत्नी का वर्ष 1986 में निधन हो गया था। पिछले महीने पक्षाघात के बाद उन्हें यहां जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जीबी पंत अस्पताल में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और निदेशक डॉक्टर विनोद पुरी ने कहा कि बर्धन का रात आठ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया। उन्हें मस्तिष्क की धमनी में अवरोध के कारण मस्तिष्काघात हुआ था। वह कोमा में थे।
इससे पहले सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा था कि कामरेड बर्धन की हालत शनिवार को ज्यादा खराब हो गई। उन्हें शुक्रवार को वेंटिलेटर से हटाया गया था और वह सामान्य रूप से सांस ले पा रहे थे, लेकिन शनिवार को उनका रक्तचाप गिर गया और उनकी स्थिति बहुत गंभीर हो गई। बर्धन राष्ट्रीय राजधानी में सीपीआई मुख्यालय में रहते थे। उन्हें बेचैनी महसूस होने तथा चेतना खोने के बाद 7 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अर्धेन्दू भूषण बर्धन मजदूर संगठन आंदोलन और महाराष्ट्र में वामपंथी राजनीति का एक प्रमुख चेहरा रहे थे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 1957 में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। बाद में वह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के महासचिव बने, जो भारत का सबसे पुराना मजदूर संगठन है। बर्धन 1990 के दशक में दिल्ली की राजधानी में आए और भाकपा के उप महासचिव बने। वह 1996 में इंद्रजीत गुप्ता की जगह पार्टी के महासचिव बने।
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