उत्तर प्रदेश में भय और भूख के शिकार परिवार ने खुद को घर में किया कैद, चली गई 'मुखिया' की जान

उत्तर प्रदेश में भय और भूख के शिकार परिवार ने खुद को घर में किया कैद, चली गई 'मुखिया' की जान

उत्तर प्रदेश के मऊ के सुभाष गुप्ता

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग ने बिजली बिल वसूली का बनाया दबाव
  • गरीबी से जूझ रहा परिवार एक लाख रुपये का बिल देखकर घबराया
  • भूख से पीड़ित परिवार के मुखिया ने बंद कर में तोड़ा दम
मऊ:

उत्तर प्रदेश के मऊ में एक परिवार भारी भरकम बिजली के बिल की भेंट चढ़ गया है. करीब एक लाख रुपये का बिजली का बिल आने के बाद गरीब परिवार से बिल की वसूली के लिए अधिकारी घर पहुंचे और कुछ इस कदर धमकाया कि परिवार ने अपने आपको घर में कैद कर लिया.

इसका भी आलम यह कि जब लोगों ने शक होने पर घर की दीवार कूदकर भीतर जाकर देखा तो आठ दिन बाद परिवार का मुखिया घर में मृत मिला और पत्नी विक्षिप्त हालत में बदबू आ रही लाश के पास बैठी मिली और बेटी का शरीर टूटा हुआ जिसने आठ दिन से अन्न का एक दाना भी नहीं खाया था.

जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के घोषी के अमिला के रहने वाले सुभाष गुप्ता (62 वर्ष) के घर की बिजली पांच साल पहले इसलिए काट दी गई थी क्योंकि वह गरीबी के कारण बिजली का बिल जमा नहीं करा पा रहे थे.
 

(वसूली के लिए भेजा गया 99,366 रुपये का बिल)

अब लगभग दस दिनों पहले बिजली के बिल के बकाये की ब्याज सहित वसूली करने के लिए बिजली विभाग के अधिकारी और लाइनमैन 99,366 रुपये का बिल लेकर उनके घर पर आ धमके.

इन अधिकारियों और लाइनमैन ने किस प्रकार से बात की और क्या कहा यह तो पता नहीं, लेकिन करीब एक लाख रुपये का बिल देखकर सुभाष गुप्ता के होश उड़ गए. विभाग के लोग उन्हें बिल जमा करने के लिए धमका कर और दबाव बनाकर चले गए.

वसूली प्रक्रिया के भय से सुभाष गुप्ता और उनका परिवार कुछ ऐसा घबराया कि उन्होंने खुद को अपने को घर में कैद कर लिया. जब कई दिनों से पड़ोसियों को सुभाष के घर के किसी के आने-जाने या दिखाई ना देने पर लोगों को कुछ शक हुआ तो पास पड़ोस के लोग इकट्ठा हुए.
 
(मृतक सुभाष गुप्ता की बेटी पूजा)

लोगों ने मिलकर तय किया कि पीछे के रास्ते उनके मकान में कूदकर मामला समझें. जब वे घर के भीतर पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर सभी के हाथ पांव फूल गए. सुभाष गुप्ता की मौत हो चुकी थी, पति के शव के पास बैठी पत्नी बेसुध विक्षिप्त हालत में थी. लाश भी सड़ रही थी, वातावरण में दुर्गंध थी, लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.

सन्न लोगों ने अंदर से घर का दरवाजा खोला और पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने लाश पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

अमिला के रहने वाले दिग्विजय राय ने बताया कि लगभग एक लाख रुपए के बिजली के बिल की वसूली के डर से परिवार ने अपने आपको घर में बंद कर लिया था और घर के अंदर ही सुभाष गुप्ता की मौत हो गई.
 
(मृतक सुभाष गुप्ता की पत्नी हृदया)

मृतक सुभाष की बेटी पूजा (25 वर्ष) ने बताया कि घर में बिजली न होने और आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के चलते वह कई वर्षों से ननिहाल में रह कर पढ़ रही थी. पिता जी 99,366 रुपये का बिल देख कर घबरा गए थे. उसने कहा कि घर की बिजली तो पांच वर्ष पहले काट दी गई थी, फिर भी इतना ज्यादा बिल आया था.

वहीं, शव के पास बैठी मृतक सुभाष की पत्नी हृदया ने बताया कि उन्होंने और उनकी बेटी ने आठ दिनों से खाना नहीं खाया है.

(सुभाष गुप्ता का आधार कार्ड)

लोगों का कहना है कि प्रशासन सुभाष गुप्ता की उम्र पर भी सवाल उठा रहा है जबकि आधार कार्ड के हिसाब से उनकी उम्र करीब 62 साल है.

वहीं, इस घटना के बारे में उप-जिलाधिकारी घोषी मऊ सुरेंदर दत्त सिंह का कहना है कि सुभाष गुप्ता बीमार थे, लेकिन बिजली के बिल के बारे पूछने में उन्होंने इस बारे में किसी प्रकार की जानकारी होने से इनकार कर दिया और सिरे से ख़ारिज कर भी किया और कहा कि क्या कोई बिजली का बिल देखकर मरेगा?

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