बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को अजीबोगरीब बयान दे दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर चिकित्सा में गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ तो वे हाथ काट देंगे। मांझी ने इस बयान के एक दिन बाद ही सफाई देते हुए शनिवार को कहा कि उन्होंने ऐसा बयान मुहावरे के तौर दिया था।
मुख्यमंत्री मांझी ने पटना में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, 'उन्हें हिन्दी के मुहावरे का ज्ञान होना चाहिए, जो उनके बयान पर हंगामा मचा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि 'हाथ काटने' का अर्थ उनका अधिकार समाप्त कर देने से है, न कि उनका सच में हाथ काट देने से है। बयान को सही ढंग से समझने की बात है।
उन्होंने मुहावरे के विषय में कहा कि 'हाथ काट देना', 'कद छोटा कर देना' का मतलब अधिकार कम कर देने से है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में 90 प्रतिशत चिकित्सक तो ठीक काम करते हैं, जिनके प्रति सम्मान है, परंतु 10 प्रतिशत चिकित्सक कार्य के प्रति लापरवाह हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, "कोई गरीब बीमार होता है तो उसे लोग तंग करते हैं। पहले उसे ओझा तंग करते हैं और जब वह अस्पताल पहुंचता है तो उसे वहां परेशान किया जाता है।'
उन्होंने ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, 'ऐसे लोगों को घर बैठा दिया जाएगा। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में पिछले दिनों गड़बड़ी हुई तो कितने लोग घर बैठ गए यह सभी लोग जानते हैं। अगर गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ तो वह हाथ काट देंगे। इसके लिए मांझी पर कितना भी सितम होगा वह सह लेगा।' उन्होंने कहा कि वे गरीब परिवार से आते हैं और गरीब के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
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