सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली कैबिनेट बैठक का किसानों का बेसब्री से इंतजार है.
लखनऊ:
योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को होगी. सूत्रों के मुताबिक- इस बैठक में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा हो सकती है. किसानों का करीब 60 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज माफ करने के लिए घोषणापत्र के अलावा पीएम मोदी ने चुनावी रैलियों में वादा किया था. पीएम मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि कैबिनेट की पहली बैठक में ही किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की जाएगी. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों ने गत 19 मार्च को शपथ ली थी. आमतौर पर शपथ के फौरन बाद या अगले दिन मंत्रिमण्डल की पहली बैठक होती है, लेकिन मौजूदा सरकार में यह बैठक 16वें दिन होगी. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि राज्य मंत्रिमण्डल की पहली बैठक आगामी चार अप्रैल की शाम पांच बजे होगी.
माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्य के किसानों का फसली कर्ज माफ करने का निर्णय लिया जाएगा. भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी हर चुनावी सभा में जनता को भरोसा दिलाया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली ही बैठक में वह प्रदेश का सांसद होने के नाते किसानों का कर्ज माफ करवाएंगे. मालूम हो कि प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा लघु तथा सीमान्त किसान हैं, जिन पर करीब 62 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.
उधर, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को वाराणसी में कहा कि चुनावी वादे के अनुरूप राज्य के किसानों का फसली ऋण जल्द ही माफ किया जाएगा. इसके लिए विभाग स्तर पर प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. राज्य सरकार ने लाभान्वित होने वाले किसानों की पूरी सूची तैयार कर ली है और जल्द ही इसे कैबिनेट की पहली बैठक में मंजूरी दी जाएगी. शाही ने बताया कि राज्य में कुल डेढ करोड़ ऐसे किसान हैं जिनका फसली ऋण माफ किया जाएगा.
प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चुनाव घोषणापत्र के प्रमुख वादे यानी किसानों की कर्ज माफी के लिये विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रही है. वित्त विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल राज्य के सभी लघु एवं सीमान्त किसानों के बैंकों के माध्यम से लिए गए फसली कर्ज की माफी एवं बजट तैयार करने के लिए सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकरियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं.
किसानों की कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गई धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जाएगा. इसके लिए अतिरिक्त कर्ज की आवश्यकता के मद्देनजर राज्य सरकार केन्द्र से अतिरिक्त ऋण के लिये किये जाने वाले बन्ध पत्रों की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम एक्ट के अन्तर्गत निर्धारित कर्ज सीमा से बाहर रखने का अनुरोध करेगी.
सत्तारूढ़ भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में प्रदेश के लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली कर्जों को माफ करने का संकल्प लिया है. प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं. प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है. प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गंभीर हो गई है. (इनपुट्स भाषा से)
माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्य के किसानों का फसली कर्ज माफ करने का निर्णय लिया जाएगा. भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी हर चुनावी सभा में जनता को भरोसा दिलाया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली ही बैठक में वह प्रदेश का सांसद होने के नाते किसानों का कर्ज माफ करवाएंगे. मालूम हो कि प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा लघु तथा सीमान्त किसान हैं, जिन पर करीब 62 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.
उधर, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को वाराणसी में कहा कि चुनावी वादे के अनुरूप राज्य के किसानों का फसली ऋण जल्द ही माफ किया जाएगा. इसके लिए विभाग स्तर पर प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. राज्य सरकार ने लाभान्वित होने वाले किसानों की पूरी सूची तैयार कर ली है और जल्द ही इसे कैबिनेट की पहली बैठक में मंजूरी दी जाएगी. शाही ने बताया कि राज्य में कुल डेढ करोड़ ऐसे किसान हैं जिनका फसली ऋण माफ किया जाएगा.
प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चुनाव घोषणापत्र के प्रमुख वादे यानी किसानों की कर्ज माफी के लिये विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रही है. वित्त विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल राज्य के सभी लघु एवं सीमान्त किसानों के बैंकों के माध्यम से लिए गए फसली कर्ज की माफी एवं बजट तैयार करने के लिए सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकरियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं.
किसानों की कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गई धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जाएगा. इसके लिए अतिरिक्त कर्ज की आवश्यकता के मद्देनजर राज्य सरकार केन्द्र से अतिरिक्त ऋण के लिये किये जाने वाले बन्ध पत्रों की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम एक्ट के अन्तर्गत निर्धारित कर्ज सीमा से बाहर रखने का अनुरोध करेगी.
सत्तारूढ़ भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में प्रदेश के लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली कर्जों को माफ करने का संकल्प लिया है. प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं. प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है. प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गंभीर हो गई है. (इनपुट्स भाषा से)
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