यह ख़बर 13 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रॉबर्ट वाड्रा के भूमि सौदे को लेकर संसद में जोरदार हंगामा

खास बातें

  • कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित कथित भूमि सौदों पर उठे विवाद के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार को बार-बार बाधित हुई।
नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित कथित भूमि सौदों पर उठे विवाद के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार को बार-बार बाधित हुई।

कांग्रेस ने इस मुद्दे को जहां महत्वहीन ठहराने का प्रयास किया, वहीं सरकार ने कहा कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह राज्य का एक विषय है। सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संसद की कार्यवाही बाधित न करने का आग्रह किया।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, "मेरे विचार से जब आप अर्ध न्यायिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं तो आप न्याय के स्वाभाविक सिद्धांतों से दूर हो जाते हैं।"

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के कथित अवैध भूमि सौदों पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि यह "राज्य का मामला" है।

कमलनाथ ने कहा, "यह एक राज्य का मामला है और संसद राज्य के मुद्दों पर चर्चा नहीं करती। यदि वे (विपक्ष) इस पर चर्चा चाहते हैं, तो कांग्रेस सदस्य कर्नाटक खनन घोटाले और मध्य प्रदेश में खनन माफिया पर चर्चा करने की मांग करेंगे। हम गुजरात के मुद्दों पर चर्चा चाहेंगे।"

इन आरोपों के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। भाजपा ने "कांग्रेस का हाथ दामाद के साथ" जैसे नारे लगाए।

भाजपा ने मंगलवार को मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के हरियाणा में कथित भूमि सौदों की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराई जाए।

भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले पर कड़े कदम उठाने चाहिए, क्योंकि जमीन का घोटाला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हुआ है। आयकर विभाग को भी इस मामले पर ध्यान देना चाहिए।

सिन्हा ने कहा, "यह केवल हरियाणा में नहीं है, पूरे एनसीआर और कांग्रेस शासित सभी प्रदेशों में वाड्रा सरकार और प्रशासन के सहयोग से जमीन हड़पने में लिप्त हैं। जब अशोक खेमका ने इसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश की, हम सभी ने देखा कि उनका क्या हुआ।"

खेमका ने हरियाणा में एक भूमि खरीद-फरोख्त मामले में वाड्रा द्वारा गलत दस्तावेजों का उपयोग करने का आरोप लगाया है।

सिन्हा ने दावा किया कि वाड्रा का व्यापार का एक अनोखा तरीका है, जिसमें शून्य निवेश और अधिकतम मुनाफ मिलता है। उन्होंने कहा, "वाड्रा को एक प्रबंधन स्कूल खोलना चाहिए और वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को वहां सीखना चाहिए कि बिना किसी निवेश के भारत के घाटे को कैसे कम किया जाए।"

राज्यसभा में भाजपा के विरोध प्रदर्शन से बाध्य होकर अंसारी ने कहा, "हर नियम और हर शिष्टाचार का उल्लंघन किया जा रहा है। यदि सम्मानित सदस्यों की इच्छा सदन को अराजकतावादियों का संघ बनाने की है, तब बात और है।"

इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही जब 12 बजे शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि राज्यसभा के सभापति ने कठोर प्रतिक्रिया व्यक्त की है और 'अराजकतावादियों का संघ' शब्द उपयोग किया है, जो असंसदीय है।

जेटली ने कहा, "अराजकतावादी शब्द पूरी तरह असंसदीय है। सदन चाहता है कि इस टिप्पणी को वापस लिया जाए और इसे कार्यवाही से निकाल दिया जाए।"

उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि सभापति ने 'इच्छा' शब्द का उपयोग किया है। इसका यह अर्थ नहीं है कि उन्होंने सदन को 'अराजकतावादियों का संघ' कहा है। कुरियन ने कहा, "यह एक अलग मामला है, उन्होंने किसी सदस्य की ओर इशारा नहीं किया।"

भाजपा उपरोक्त शब्द को निकालने की मांग पर लगातार जोर देती रही, इस पर कुरियन ने कहा कि वे इस मामले पर विचार करेंगे।

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उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर में हिंसा की घटनाओं और वाड्रा के कथित भ्रष्टाचार पर चर्चा की भाजपा की मांग के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है।