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This Article is From Sep 03, 2020

असम में पूर्व विद्रोहियों के पुनर्वास के लिए सेना की अनोखी पहल, शुरू की स्वरोजगार परियोजना

तेजपुर में डिफेंस पीआरओ के मुताबिक इस परियोजना की परिकल्पना और निष्पादन सेना द्वारा पुणे स्थित गैर सरकारी संगठन (NGO) असीम फाउंडेशन (Aseem Foundation) के साथ समन्वय से किया जाता है. 

असम में पूर्व विद्रोहियों के पुनर्वास के लिए सेना की अनोखी पहल, शुरू की स्वरोजगार परियोजना
नई दिल्ली:

असम में पूर्व विद्रोहियों (Ex Insurgents) के पुनर्वास के लिए सेना ने स्वरोजगार परियोजनाएं शुरू की हैं. जिसके तहत राज्य के बोरांगाजुली, तामुलपुर में एक परियोजना का संचालन किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ पूर्व कैडरों को बायोडिग्रेडेबल, पर्यावरण के अनुकूल, लागत प्रभावी तमुल प्लेट बनाने में लगाया गया है.

तेजपुर में डिफेंस पीआरओ के मुताबिक इस परियोजना की परिकल्पना और निष्पादन सेना द्वारा पुणे स्थित गैर सरकारी संगठन (NGO) असीम फाउंडेशन (Aseem Foundation) के साथ समन्वय से किया जाता है. 

उन्होंने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य आर्थिक स्थिति में सुधार करना और स्वरोजगार के माध्यम से कमाने का अवसर प्रदान करना है. ऐसा बताया गया है कि यह एनजीओ महाराष्ट्र और असम में उत्पादों की मार्किटिंग की योजना बना रही है:

पूर्वोत्तर में उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
जुलाई महीने में अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए नगा उग्रवादी संगठन NSCN (IM) के 6 उग्रवादियों (Insurgents) को ढेर कर दिया था.  सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि तिरप जिले के जनरल क्षेत्र के खोंसा में कुछ उग्रवादी छिपे हुए हैं. इसके बाद असम राइफल्स ने दो टीमें बनाई और जनरल एरिया में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई. 

उग्रवादियों के साथ हुई गोलाबारी में छह उग्रवादी मार गिराये गए. उनके पास से 6 हथियारों के साथ लड़ाई में काम आने वाले जैसे सामान मिला. मुठभेड़ में असम राइफल्स का एक जवान भी घायल हुआ था. 

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