केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
नरेंद्र मोदी सरकार के परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार यह बयान देकर विवादों में गिर गए कि एक बार कर्ज नहीं चुका पाने वाले 'विजय माल्याजी' (Vijay Mallya) को चोर कहना अनुचित है. उन्होंने कहा कि संकट से जूझ रहे उद्योगपति का चार दशक तक ठीक समय पर कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड रहा है. गडकरी ने हालांकि, स्पष्ट किया कि उनका माल्या के साथ किसी तरह का कारोबारी लेनदेन नहीं है. हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने माल्या को भारत को सौंपने का निर्देश दिया है. माल्या पर कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी तथा मनी लॉंड्रिंग का आरोप है.नितिन गडकरी ने कहा-व्यापार चक्र मंदी और वित्तीय धोखाधड़ी में स्पष्ट अंतर है. मेरा बयान नौकरियों की रक्षा के लिए मंदी के दौरान समर्थन के बारे में है. धोखाधड़ी पूरी तरह से अस्वीकार है. बयान पर विवाद होने के बाद नितिन गडकरी ने अब सफाई दी है. उन्होंने कहा-व्यापार चक्र मंदी और वित्तीय धोखाधड़ी में स्पष्ट अंतर है. मेरा बयान नौकरियों की रक्षा के लिए मंदी के दौरान समर्थन के बारे में है. धोखाधड़ी पूरी तरह से अस्वीकार है.
बता दें कि नितिन गडकरी ने 'टाइम्स ग्रुप' के आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, '40 साल माल्या नियमित भुगतान करता रहा था, ब्याज भर रहा था. 40 साल बाद जब वो एविएशन में गया. उसके बाद वो अड़चन में आया तो वो एकदम से चोर हो गया? जो 50 साल ब्याज भरता है वो ठीक है, पर एक बार वो डिफॉल्ट हो गया...तो तुरंत सब फ्रॉड हो गया? ये मानसिकता ठीक नहीं.'गडकरी ने कहा कि वह जिस कर्ज का जिक्र कर रहे हैं वह महाराष्ट्र सरकार की इकाई सिकॉम द्वारा माल्या को दिया गया था. यह कर्ज 40 साल पहले दिया गया था. यह कर्ज माल्या ने बिना रूके समय पर चुकाया था. मंत्री ने कहा कि किसी भी कारोबार में उतार-चढ़ाव आते हैं, यदि किसी को दिक्कत आती है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कारोबार में जोखिम होता है, चाहे बैंकिंग हो या बीमा, उतार-चढ़ाव आते हैं. यदि अर्थव्यवस्था में वैश्विक या आंतरिक कारणों मसलन मंदी की वजह से गलतियां बुनियादी हों तो जो व्यक्ति समस्याएं झेल रहा है उसका समर्थन किया जाना चाहिए.
कारोबारी समस्या को चुनाव में हुई हार से जोड़ते हुए गडकरी ने कहा कि कैसे वह 26 साल की उम्र में चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने जोर देते हुये कहा कि इस हार का मतलब यह नहीं था कि उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो गया. उन्होंने कहा, 'यदि नीरव मोदी या विजय माल्याजी ने वित्तीय धोखाधड़ी की है तो उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन यदि कोई परेशानी में आता है और हम उसपर धोखेबाज का लेबल दे देते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं कर सकती. लंदन की एक अदालत ने इसी सप्ताह माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है. इससे सरकार के भगोड़े कारोबारी को वापस लाने के प्रयास में एक बड़ी सफलता मिली है.
वीडियो- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माना, नौकरियों को लेकर है संकट
There is a clear difference between business cycle downturns and financial fraud. My statement is about support during downturns to protect jobs. FRAUD is completely UNACCEPTABLE.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 14, 2018
बता दें कि नितिन गडकरी ने 'टाइम्स ग्रुप' के आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, '40 साल माल्या नियमित भुगतान करता रहा था, ब्याज भर रहा था. 40 साल बाद जब वो एविएशन में गया. उसके बाद वो अड़चन में आया तो वो एकदम से चोर हो गया? जो 50 साल ब्याज भरता है वो ठीक है, पर एक बार वो डिफॉल्ट हो गया...तो तुरंत सब फ्रॉड हो गया? ये मानसिकता ठीक नहीं.'गडकरी ने कहा कि वह जिस कर्ज का जिक्र कर रहे हैं वह महाराष्ट्र सरकार की इकाई सिकॉम द्वारा माल्या को दिया गया था. यह कर्ज 40 साल पहले दिया गया था. यह कर्ज माल्या ने बिना रूके समय पर चुकाया था. मंत्री ने कहा कि किसी भी कारोबार में उतार-चढ़ाव आते हैं, यदि किसी को दिक्कत आती है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कारोबार में जोखिम होता है, चाहे बैंकिंग हो या बीमा, उतार-चढ़ाव आते हैं. यदि अर्थव्यवस्था में वैश्विक या आंतरिक कारणों मसलन मंदी की वजह से गलतियां बुनियादी हों तो जो व्यक्ति समस्याएं झेल रहा है उसका समर्थन किया जाना चाहिए.
कारोबारी समस्या को चुनाव में हुई हार से जोड़ते हुए गडकरी ने कहा कि कैसे वह 26 साल की उम्र में चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने जोर देते हुये कहा कि इस हार का मतलब यह नहीं था कि उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो गया. उन्होंने कहा, 'यदि नीरव मोदी या विजय माल्याजी ने वित्तीय धोखाधड़ी की है तो उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन यदि कोई परेशानी में आता है और हम उसपर धोखेबाज का लेबल दे देते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं कर सकती. लंदन की एक अदालत ने इसी सप्ताह माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है. इससे सरकार के भगोड़े कारोबारी को वापस लाने के प्रयास में एक बड़ी सफलता मिली है.
वीडियो- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माना, नौकरियों को लेकर है संकट
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