UIDAI की सफाई, वर्चुअल आईडी अनिवार्य नहीं, चाहें तो आधार नंबर भी दे सकते हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सरकार के आधार कार्यक्रम को चलाने वाली यूआडीएआई यानी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने कहा था कि अब वह वर्चुअल आधार आईडी लाने वाली है, जिसमें 16 अंकों के टेंपररी नंबर होंगे, जिसे लोग जब चाहे अपने आधार के बदले शेयर कर सकते हैं. इस पर एनडीटीवी से बात करते हुए यूआडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने कहा है कि सुरक्षा के नज़रिए से वर्चुअल आधार नंबर का फैसला किया गया है.
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अजय भूषण पांडेय ने कहा है कि सुरक्षा के मुद्दे पर आपको संवेदनशील होना चाहिए और चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि उनका कहना है कि वर्चुअल आईडी अनिवार्य नहीं है. लोगों के पास विकल्प है कि या तो वो वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करें या फिर आधार नंबर का.
आधार के लीक होने पर उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है क्योंकि सीमित जानकारी के लिए लॉग-इन की सुविधा राज्यों के अधिकारियों को दी गई थी.
आपको बता दें कि नई प्रणाली का उद्देश्य आधार संख्या के लीक होने और दुरुपयोग के मामलों को कम करना है और 119 करोड़ लोगों की पहचान संख्या की गोपनीयता को बढ़ावा देना है. अब आधार डिटेल देने के समय या वेरिफिकेशन के समय इसी 16 अंको से काम चल जाएगा. ध्यान देने वाली बात है कि यह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी कुछ समय के लिए ही मान्य होगा. तय समय के बाद यूजर को अपना नया आईडी जारी करना होगा.
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यह वर्चुअल आईडी, जिसमें 16 रैंडम अंक होंगे. वर्चुअल आईडी से फोन कंपनियां या बैंकों को आधार धारक की सीमित जानकारी मसलन नाम, पता और फोटोग्राफ मिलेगा जो उस व्यक्ति की पहचान साबित करने के लिए पर्याप्त होगा. वर्चुअल आईडी से आधार नंबर की जानकारी नहीं मिल सकेगी.
VIDEO : यूआडीएआई के सीईओ ने कहा, सुरक्षा के नज़रिए से वर्चुअल आधार नंबर का फैसला किया गया
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अजय भूषण पांडेय ने कहा है कि सुरक्षा के मुद्दे पर आपको संवेदनशील होना चाहिए और चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि उनका कहना है कि वर्चुअल आईडी अनिवार्य नहीं है. लोगों के पास विकल्प है कि या तो वो वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करें या फिर आधार नंबर का.
आधार के लीक होने पर उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है क्योंकि सीमित जानकारी के लिए लॉग-इन की सुविधा राज्यों के अधिकारियों को दी गई थी.
आपको बता दें कि नई प्रणाली का उद्देश्य आधार संख्या के लीक होने और दुरुपयोग के मामलों को कम करना है और 119 करोड़ लोगों की पहचान संख्या की गोपनीयता को बढ़ावा देना है. अब आधार डिटेल देने के समय या वेरिफिकेशन के समय इसी 16 अंको से काम चल जाएगा. ध्यान देने वाली बात है कि यह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी कुछ समय के लिए ही मान्य होगा. तय समय के बाद यूजर को अपना नया आईडी जारी करना होगा.
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यह वर्चुअल आईडी, जिसमें 16 रैंडम अंक होंगे. वर्चुअल आईडी से फोन कंपनियां या बैंकों को आधार धारक की सीमित जानकारी मसलन नाम, पता और फोटोग्राफ मिलेगा जो उस व्यक्ति की पहचान साबित करने के लिए पर्याप्त होगा. वर्चुअल आईडी से आधार नंबर की जानकारी नहीं मिल सकेगी.
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