उधमपुर में आतंकी हमले की शिकार हुई बीएसएफ की बस (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली:
उधमपुर हमले में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी नवेद ने आज जम्मू में अपना इक़बालिया बयान दर्ज कराया है। उसने माना है कि वह पाकिस्तान का रहने वाला है। इस बीच यह नई बात सामने आई है कि नवेद की निशानदेही पर जिस ट्रक ड्राइवर को पकड़ा गया, वह पहले भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका था। तब उसे छोड़ दिया गया था।
दरअसल चार अगस्त की सुबह उधमपुर में बीएसएफ की बस पर हुआ यह हमला टाला जा सकता था, अगर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ सावधानी बरती होती। जो ड्राइवर नवेद को श्रीनगर तक लाया था, उसे पुलिस एक बार पहले पकड़ चुकी थी।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक मल्टी एजेंसी सेंटर ने यह जानकारी दी थी कि कुछ आतंकवादी सरहद पार से दाखिल हुए हैं। यह भी बताया गया था कि किस ट्रक ड्राइवर ने उनकी मदद की। आइबी ने इस जानकारी पर खुर्शीद को पकड़ भी लिया, लेकिन राज्य पुलिस खुर्शीद से कुछ पता नहीं कर सकी। हमले के बाद जब नवेद पकड़ा गया तब उसने दुबारा खुर्शीद का जिक्र किया। खुर्शीद को दुबारा पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन उसने फिर इनकार कर दिया। जब एनआईए ने नवेद ओर खुर्शीद का आमना-सामना कराया तब उसने सारी बात मानी।
एनआईए के मुताबिक खुर्शीद ही नवेद ओर उसके साथियों को लेकर तनमर्ग के बाबा शीरी इलाके से श्रीनगर तक लाया था। खुर्शीद अहमद पुलवामा का रहने वाला है और लश्करे तैयबा के लिए काम करता है। इसके पहले वह तस्करी के एक मामले में जेल काट चुका है।
उधर जम्मू में नवेद ने कोर्ट में धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान देते हुए वे सारी बातें कबूल कीं जो वह पहले खुफ़िया एजेंसियों को बता चुका है। वेसे नवेद से मिली सारी जानकारी पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए सबूत का काम करेगी। वैसे इस ड्राइवर के मामले से साफ है कि अगर भारत की सुरक्षा एजेंसियां कुछ और सतर्क रहें ओर आपस मे तालमेल बेहतर कर लें, तो इस तरह के हमले काफी हद तक रोके जा सकते हैं।
दरअसल चार अगस्त की सुबह उधमपुर में बीएसएफ की बस पर हुआ यह हमला टाला जा सकता था, अगर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ सावधानी बरती होती। जो ड्राइवर नवेद को श्रीनगर तक लाया था, उसे पुलिस एक बार पहले पकड़ चुकी थी।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक मल्टी एजेंसी सेंटर ने यह जानकारी दी थी कि कुछ आतंकवादी सरहद पार से दाखिल हुए हैं। यह भी बताया गया था कि किस ट्रक ड्राइवर ने उनकी मदद की। आइबी ने इस जानकारी पर खुर्शीद को पकड़ भी लिया, लेकिन राज्य पुलिस खुर्शीद से कुछ पता नहीं कर सकी। हमले के बाद जब नवेद पकड़ा गया तब उसने दुबारा खुर्शीद का जिक्र किया। खुर्शीद को दुबारा पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन उसने फिर इनकार कर दिया। जब एनआईए ने नवेद ओर खुर्शीद का आमना-सामना कराया तब उसने सारी बात मानी।
एनआईए के मुताबिक खुर्शीद ही नवेद ओर उसके साथियों को लेकर तनमर्ग के बाबा शीरी इलाके से श्रीनगर तक लाया था। खुर्शीद अहमद पुलवामा का रहने वाला है और लश्करे तैयबा के लिए काम करता है। इसके पहले वह तस्करी के एक मामले में जेल काट चुका है।
उधर जम्मू में नवेद ने कोर्ट में धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान देते हुए वे सारी बातें कबूल कीं जो वह पहले खुफ़िया एजेंसियों को बता चुका है। वेसे नवेद से मिली सारी जानकारी पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए सबूत का काम करेगी। वैसे इस ड्राइवर के मामले से साफ है कि अगर भारत की सुरक्षा एजेंसियां कुछ और सतर्क रहें ओर आपस मे तालमेल बेहतर कर लें, तो इस तरह के हमले काफी हद तक रोके जा सकते हैं।
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