अहमदाबाद:
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुजरात में वर्ष 2004 में इशरत जहां एवं तीन अन्य की फर्जी मुठभेड़ करने वाले दो दलों में शरीक रहे दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पहले से ही कथित सादिक जमाल फर्जी मुठभेड़ मामले में न्यायिक हिरासत में थे।
दोनों की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब जांच एजेंसी इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक (अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) गिरीश सिंघल को पकड़ चुकी है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक के रूप में सेवानिवृत्त होने वाले जेजी परमार को शुक्रवार रात पकड़ा गया, जबकि मेहसाणा के पुलिस उपाधीक्षक तरुण बरोट को शनिवार दोपहर पकड़ा गया।
परमार इशरत फर्जी मुठभेड़ मामले में शिकायतकर्ता भी हैं। परमार और बरौर उस दो दल के हिस्से हैं, जिन्होंने इशरत जहां और तीन अन्य को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। दोनों उन दिनों पुलिस इंसपेक्टर थे।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को दोनों के सिलसिले में अदालत से ट्रांसफर वारंट मिल गया है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 2004 में अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच सुनसान स्थान पर इशरत और उसके सहयोगियों - प्रणेश पिल्लै उर्फ जावेद शेख, जीशान जोहर और अमजद अली को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था।
दोनों की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब जांच एजेंसी इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक (अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) गिरीश सिंघल को पकड़ चुकी है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक के रूप में सेवानिवृत्त होने वाले जेजी परमार को शुक्रवार रात पकड़ा गया, जबकि मेहसाणा के पुलिस उपाधीक्षक तरुण बरोट को शनिवार दोपहर पकड़ा गया।
परमार इशरत फर्जी मुठभेड़ मामले में शिकायतकर्ता भी हैं। परमार और बरौर उस दो दल के हिस्से हैं, जिन्होंने इशरत जहां और तीन अन्य को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। दोनों उन दिनों पुलिस इंसपेक्टर थे।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को दोनों के सिलसिले में अदालत से ट्रांसफर वारंट मिल गया है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 2004 में अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच सुनसान स्थान पर इशरत और उसके सहयोगियों - प्रणेश पिल्लै उर्फ जावेद शेख, जीशान जोहर और अमजद अली को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था।
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