हैदराबाद:
हैदराबाद के दिलसुखनगर में एक भीड़भरे बस स्टैंड के पास एक व्यस्त इलाके में दो शक्तिशाली बमों के एक के बाद एक फटने से 14 व्यक्तियों की मौत हो गई और करीब 80 घायल हुए।
साइबराबाद थाना इलाके में स्थित कोणार्क और वेंकटादिरी सिनेमाघरों के नजदीक सड़क किनारे बने ढाबे के बाहर दो साइकिलों में बांधकर रखा गया आईईडी विस्फोट व्यस्त समय में हुआ जब मौके पर काफी लोगों के मौजूद होने के कारण अफरा-तफरी मच गई और लोग सुरक्षा के लिए इधर-उधर भागने लगे। इन धमाकों की अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन आरंभिक जांच के बाद, सुरक्षा एजेंसियों को इंडियन मुजाहिद्दीन पर शक है। धमाके का तरीका पुणे धमाकों से मिलता जुलता है। मंजर इमाम पर एजेंसियों को शक है। मंजर को आईएम के प्रमुख यासीन भटकल का करीबी माना जाता है। सूत्रों के अनुसार मंजर को हैदराबाद में देखा गया था। अब पुलिस मंजर की तलाश कर रही है।
वहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हैदराबाद विस्फोट की निंदा की, कहा कि इस कायरतापूर्ण कृत्य के पीछे जिन लोगों का भी हाथ हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद विस्फोटों के बाद शांति की अपील की। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद विस्फोटों में मरने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की।
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे धमाकों पर कहा कि उन्हें पिछले दो दिन से ऐसी सुचनाएं मिल रही थीं जिसे राज्यों को बता दिया गया था। शिंदे के मुताबिक धमाकों में अब तक 11 लोग मारे गए हैं। देर शाम एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हुए शिंदे ने कहा कि 78 लोग घायल हुए हैं। शिंदे के अनुसार दो ही धामके हुए हैं। इससे पहले कहा जा रहा था कि तीन धमाके हुए हैं।
पुलिस अधिकारी अनुराग शर्मा का भी कहना है कि दो धमाके हुए हैं जिनमें 11 लोग मरे हैं और 23 घायल हुए हैं।
केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने कहा कि यह दोनों धमाके एक ही इलाके में हुए हैं। पहला धमाका कोनार्क थिएटर के पास हुआ। दूसरा धमाका फुटओवर ब्रिज के पास हुआ। तीसरा धमाका वेंकटाद्री थिएटर के पास होना था लेकिन समय रहते बम को निष्क्रिय कर दिया गया।
प्रदेश के डीजीपी दिनेश रेड्डी ने बताया कि धमाकों में आईईडी का इस्तेमाल किया गया लेकिन इस बात का अनुमान लगाने से इनकार कर दिया कि घटना के पीछे कौन हो सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कोई आतंकी समूह शामिल है, रेड्डी ने कहा कि हमें नहीं मालूम। केवल जांच से मालूम चलेगा।
बताया जा रहा है कि जहां यह धमाका हुआ है वहां शाम के समय काफी भीड़ रहती है। विजयवाड़ा जाने के लिए यहीं से बस पकड़ने के लिए लोग एकत्र होते हैं। बताया जा रहा है कि शाम को 7.01 बजे पहला धमाका हुआ और पांच मिनट बाद दूसरा धमाका हुआ है।
पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली। तमाम जांच दल मौके पर पहुंच गया है। एनएसजी की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। इस जांच को एनआईए को सौंप दिया गया है।
मौके पर तमाम तमाशबीन इकट्ठा हो गए हैं। साथ ही कई लोग इकट्ठा होकर पुलिस का विरोध कर रहे थे जो बाद में धीमे-धीमे अपने-अपने घरों में चले गए।
खुफिया विभाग के सूत्रों का मानना है कि हो सकता है यह आतंकी हमला हो। उन्हें लगता है कि जिस समय धमाका किया गया है उसे देखते हुए ऐसी आशंका है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह धमाके साइकिलों में टिफिन में बम रखकर किए गए हैं। बता दें कि 2007 में भी दो धमाकों में 40 लोगों के मारे गए थे। 2003 में भी एक स्कूटर में बम धमाका किया गया था जिसमें तीन लोग मारे गए थे।
साइबराबाद थाना इलाके में स्थित कोणार्क और वेंकटादिरी सिनेमाघरों के नजदीक सड़क किनारे बने ढाबे के बाहर दो साइकिलों में बांधकर रखा गया आईईडी विस्फोट व्यस्त समय में हुआ जब मौके पर काफी लोगों के मौजूद होने के कारण अफरा-तफरी मच गई और लोग सुरक्षा के लिए इधर-उधर भागने लगे। इन धमाकों की अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन आरंभिक जांच के बाद, सुरक्षा एजेंसियों को इंडियन मुजाहिद्दीन पर शक है। धमाके का तरीका पुणे धमाकों से मिलता जुलता है। मंजर इमाम पर एजेंसियों को शक है। मंजर को आईएम के प्रमुख यासीन भटकल का करीबी माना जाता है। सूत्रों के अनुसार मंजर को हैदराबाद में देखा गया था। अब पुलिस मंजर की तलाश कर रही है।
वहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हैदराबाद विस्फोट की निंदा की, कहा कि इस कायरतापूर्ण कृत्य के पीछे जिन लोगों का भी हाथ हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद विस्फोटों के बाद शांति की अपील की। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद विस्फोटों में मरने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की।
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे धमाकों पर कहा कि उन्हें पिछले दो दिन से ऐसी सुचनाएं मिल रही थीं जिसे राज्यों को बता दिया गया था। शिंदे के मुताबिक धमाकों में अब तक 11 लोग मारे गए हैं। देर शाम एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हुए शिंदे ने कहा कि 78 लोग घायल हुए हैं। शिंदे के अनुसार दो ही धामके हुए हैं। इससे पहले कहा जा रहा था कि तीन धमाके हुए हैं।
पुलिस अधिकारी अनुराग शर्मा का भी कहना है कि दो धमाके हुए हैं जिनमें 11 लोग मरे हैं और 23 घायल हुए हैं।
केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने कहा कि यह दोनों धमाके एक ही इलाके में हुए हैं। पहला धमाका कोनार्क थिएटर के पास हुआ। दूसरा धमाका फुटओवर ब्रिज के पास हुआ। तीसरा धमाका वेंकटाद्री थिएटर के पास होना था लेकिन समय रहते बम को निष्क्रिय कर दिया गया।
प्रदेश के डीजीपी दिनेश रेड्डी ने बताया कि धमाकों में आईईडी का इस्तेमाल किया गया लेकिन इस बात का अनुमान लगाने से इनकार कर दिया कि घटना के पीछे कौन हो सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कोई आतंकी समूह शामिल है, रेड्डी ने कहा कि हमें नहीं मालूम। केवल जांच से मालूम चलेगा।
बताया जा रहा है कि जहां यह धमाका हुआ है वहां शाम के समय काफी भीड़ रहती है। विजयवाड़ा जाने के लिए यहीं से बस पकड़ने के लिए लोग एकत्र होते हैं। बताया जा रहा है कि शाम को 7.01 बजे पहला धमाका हुआ और पांच मिनट बाद दूसरा धमाका हुआ है।
पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली। तमाम जांच दल मौके पर पहुंच गया है। एनएसजी की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। इस जांच को एनआईए को सौंप दिया गया है।
मौके पर तमाम तमाशबीन इकट्ठा हो गए हैं। साथ ही कई लोग इकट्ठा होकर पुलिस का विरोध कर रहे थे जो बाद में धीमे-धीमे अपने-अपने घरों में चले गए।
खुफिया विभाग के सूत्रों का मानना है कि हो सकता है यह आतंकी हमला हो। उन्हें लगता है कि जिस समय धमाका किया गया है उसे देखते हुए ऐसी आशंका है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह धमाके साइकिलों में टिफिन में बम रखकर किए गए हैं। बता दें कि 2007 में भी दो धमाकों में 40 लोगों के मारे गए थे। 2003 में भी एक स्कूटर में बम धमाका किया गया था जिसमें तीन लोग मारे गए थे।
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