बंगाल विधानसभा (Bengal Assembly) में बीजेपी (BJP) विधायकों की संख्या 77 से 75 पर आ गई है. बीजेपी के दो सांसद, जिन्होंने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर चुनाव लड़ा था और जीते भी थे, ने आज दोपहर में विधानसभा अध्यक्ष को एपने इस्तीफे सौंप दिए. तृणमूल ने बीजेपी के इस कदम को लोकसभा में सुरक्षित खेलने का प्रयास बताते हुए उसका मजाक उड़ाया है. तृणमूल (Trinamool) ने केंद्र के बंगाल के सभी बीजेपी विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा देने के फैसले की आलोचना की है और करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.
निशित प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार उन पांच बीजेपी सांसदों में से हैं, जिन्हें विधानसभा चुनावों में पार्टी को सरकार बनने की उम्मीद में चुनाव मैदान में उतारा गया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब बीजेपी को साफ तौर पर लग रहा है कि वे संसद में अधिक उपयोगी हैं.
रानाघाट के बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा कि बंगाल में नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे. अगर बीजेपी ने सरकार बनाई होती तो हमारी एक विशिष्ट भूमिका होती. अब ऐसा नहीं है, इसलिए पार्टी ने कहा है कि हमें सांसदों के रूप में रहना चाहिए और विधायक के पद से इस्तीफा देना चाहिए. इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं. जगन्नाथ सरकार ने नाडिया जिले की शांतिपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी.
सांसद के रूप में प्रमाणिक और सरकार दोनों को केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त है. यही नहीं बीजेपी के नंदीग्राम के विधायक सुवेन्दु अधिकारी, जो कि विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, को जेड प्लस सुरक्षा हासिल है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में कहा है कि वह सभी बीजेपी विधायकों को उनको मिलने वाली धमकियों की धारणाओं की समीक्षा के आधार पर केंद्रीय सुरक्षा प्रदान करेगा. मंत्रालय इसके लिए बिल भी तैयार करेगा, सभी को 1.5 करोड़ प्रति माह.
आसनसोल दक्षिण के बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने NDTV को बताया कि "दो साल तक मैंने बीजेपी के साथ बिना किसी समस्या के काम किया. लेकिन अभी 2 मई के बाद ... जिस दिन चुनाव परिणाम सामने आए, स्थिति बदल गई है. हमें सुरक्षा की आवश्यकता है. मुझे लगता है कि हमारा जीवन जोखिम में है. हम लोगों द्वारा चुने गए हैं, लेकिन यह राज्य सरकार की विफलता है कि केंद्र सुरक्षा प्रदान कर रहा है."
उत्तर 24 परगना के गायघाट से बीजेपी विधायक सुब्रत ठाकुर ने कहा, "निश्चित रूप से हमें केंद्र से सुरक्षा की आवश्यकता है क्योंकि हम बंगाल सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते ... यदि निर्वाचित विधायक सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं, तो वे काम नहीं कर सकते."
तृणमूल ने विधायकों के इस्तीफे और केंद्रीय सुरक्षा, दोनों कदमों का विरोध किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि "उन्होंने उन लोगों का अपमान किया है जिन्होंने उन्हें वोट दिया है और उन्हें पहले संसद और फिर विधानसभा में भेजा है. दूसरा, केंद्र सरकार ने सभी विधायकों को सुरक्षा देने का फैसला किया है ... जो कि सार्वजनिक धन का गलत उपयोग है." उन्होंने कहा कि "ऐसा पहले कभी नहीं हुआ."
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