मरीजों के लिए राहत की बात...
नई दिल्ली:
एम्स में भर्ती गंभीर मरीजों को जल्द से जल्द ट्रॉमा सेंटर लाने और ले जाने के लिए बनाई गई सुरंग के नवंबर में चालू होने की संभावना है। इससे समय की बचत होगी और कई जानें बचाई जा सकेंगी। एम्स के मुख्य परिसर और ट्रॉमा सेन्टर के बीच दूरी भले ही ढाई किलोमीटर की है, लेकिन रिंग रोड से गुजरने के कारण इस दूरी को पार करने में आधे घंटे का समय लग जाता है, जो गंभीर रोगियों के लिए कई बार जानलेवा साबित होता है।
अभी 30-35 मिनट लगते हैं..
सुरंग के चालू होने से गंभीर रोगियों को जरूरत के मुताबिक एक परिसर से दूसरे परिसर ले जाने में महज तीन-चार मिनट का समय लगेगा। एम्स के प्रवक्ता डॉक्टर अमित गुप्ता ने बताया, ‘फिलहाल गंभीर हालत में मरीजों को ट्रॉमा सेन्टर से एम्स लाने, या वहां ले जाने में 30-35 मिनट का वक्त लगता है क्योंकि एम्बुलेंस को भीड़ भरे रिंग रोड से गुजरना पड़ता है।’ उन्होंने कहा, ‘सुरंग खुलने के बाद दोनों परिसरों के बीच आवाजाही में लगने वाला वक्त कम होकर तीन से पांच मिनट रह जाएगा, जिससे मरीजों को आसानी से एम्स के मुख्य परिसर से ट्रॉमा सेन्टर लाया ले जाया जा सकेगा।’
सुरंग का उपयोग मरीज के परिजन और डॉक्टर कर सकेंगे..
उन्होंने बताया कि इस सुरंग का उपयोग मरीज के परिजन और डॉक्टर कर सकेंगे। गुप्ता ने कहा, एक दूसरे से करीब 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एम्स और ट्रॉमा सेन्टर परिसरों के बीच डॉक्टरों, मरीजों, अन्य कर्मचारियों का आना-जाना काफी ज्यादा होता है।
एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ‘एम्स के बाहर रिंग रोड होने के कारण यहां हमेशा ट्रैफिक रहता है और एम्स के मुख्य परिसर से एम्बुलेंस के लिए रिंग रोड पर निकलना भी मुश्किल होता है। इसके अलावा रिंग रोड पर कोई हादसा होने की स्थिति में भी यह बहुत मददगार होगा क्योंकि मेडिकल टीम तत्काल वहां पहुंच सकती है।’
अभी 30-35 मिनट लगते हैं..
सुरंग के चालू होने से गंभीर रोगियों को जरूरत के मुताबिक एक परिसर से दूसरे परिसर ले जाने में महज तीन-चार मिनट का समय लगेगा। एम्स के प्रवक्ता डॉक्टर अमित गुप्ता ने बताया, ‘फिलहाल गंभीर हालत में मरीजों को ट्रॉमा सेन्टर से एम्स लाने, या वहां ले जाने में 30-35 मिनट का वक्त लगता है क्योंकि एम्बुलेंस को भीड़ भरे रिंग रोड से गुजरना पड़ता है।’ उन्होंने कहा, ‘सुरंग खुलने के बाद दोनों परिसरों के बीच आवाजाही में लगने वाला वक्त कम होकर तीन से पांच मिनट रह जाएगा, जिससे मरीजों को आसानी से एम्स के मुख्य परिसर से ट्रॉमा सेन्टर लाया ले जाया जा सकेगा।’
सुरंग का उपयोग मरीज के परिजन और डॉक्टर कर सकेंगे..
उन्होंने बताया कि इस सुरंग का उपयोग मरीज के परिजन और डॉक्टर कर सकेंगे। गुप्ता ने कहा, एक दूसरे से करीब 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एम्स और ट्रॉमा सेन्टर परिसरों के बीच डॉक्टरों, मरीजों, अन्य कर्मचारियों का आना-जाना काफी ज्यादा होता है।
एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ‘एम्स के बाहर रिंग रोड होने के कारण यहां हमेशा ट्रैफिक रहता है और एम्स के मुख्य परिसर से एम्बुलेंस के लिए रिंग रोड पर निकलना भी मुश्किल होता है। इसके अलावा रिंग रोड पर कोई हादसा होने की स्थिति में भी यह बहुत मददगार होगा क्योंकि मेडिकल टीम तत्काल वहां पहुंच सकती है।’
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