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This Article is From Jul 19, 2015

एक्सक्लूसिव : आईआईटी दिल्ली में कैसे पहुंचे बाबा रामदेव और छद्म हिंदुत्व का एजेंडा

एक्सक्लूसिव : आईआईटी दिल्ली में कैसे पहुंचे बाबा रामदेव और छद्म हिंदुत्व का एजेंडा
नई दिल्ली: आमतौर पर आईआईटी दिल्ली का कैंपस बड़ा ही शांत रहता है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह कैंपस सुर्खियों में है। इसके पीछे कारण है नई सरकार आने के बाद यहां के डायरेक्टर आरके शेवगांवकर का कैंपस से बाहर होना। अब कैंपस में राजनीतिक दखलअंदाजी पर एक नया ट्विस्ट सामने आ गया है।

नए ट्विस्ट का संबंध मानव संसाधन मंत्रालय की 'उन्नत भारत योजना' से है, जो असल में आईआईटी दिल्ली की ही पहल है। इसकी वेबसाइट पर जानकारी दी गई है कि कैसे आईआईटी जैसे संस्थान ग्रामीण भारत के विकास में योगदान दे सकते हैं।

लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इसी साल जनवरी में आईआईटी दिल्ली में हुई उन्नत भारत की मीटिंग में योग गुरु बाबा रामदेव स्टार गेस्ट की हैसियत से शरीक थे और ये बात मीटिंग के मिनट्स से सामने आयी है।

मिनट्स के अनुसार स्वयं प्रोफेसर शेवगांवकर ने बाबा रामदेव का स्वागत किया। कहा जाता है कि उन्नत भारत कार्यक्रम प्रोफेसर वीके विजय और आईआईटी प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद के दिमाग की उपज है और प्रोफेसर विजय फिलहाल आईआईटी दिल्ली में सेंटर रूरल डेवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी के हेड हैं। उन्होंने स्वंय उस बैठक की गेस्ट लिस्ट का बचाव किया है।

उन्होंने कहा, बाबा रामदेव यहां आए क्योंकि वो जानना चाहते थे कि ग्रामीण भारत की मदद के लिए क्या किया जा सकता है। लेकिन वहां मौजूद लोगों में आरएसएस की आदिवासी विंग 'वनवासी कल्याण आश्रम' से जुड़े लोग भी शामिल थे। इसलिए कहा जा रहा है कि उन्नत भारत योजना की इस बैठक में ध्यान नवीन तकनीक की बजाय संघ परिवार के पुराने विषयों को देशभर में थोपना था।

यहां बाबा रामदेव ने अपने विचार रखे तो कहा कि आईआईटी को गाय और बैल के जेनेटिक कोड पर शोध करना चाहिए। मिनट्स के अनुसार आईआईटी के बड़े-बड़े अधिकारी यहां मौजूद थे। आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन डॉक्टर विजय भटकर भी यहां मौजूद थे और उन्होंने भी गाय पर अपने विचार रखे।

डॉक्टर भटकर ने कहा, 'सभी समस्याओं के समाधान के लिए गाय को साधन स्वरूप इस्तेमाल करना चाहिए।' यही नहीं, उन्होंने कहा, 'कृषि में गाय के जरिए क्रांति आ सकती है और गौशाला से इसकी शुरुआत हो सकती है।'

हालांकि इस बैठक को अनौपचारिक करार दिया गया है। इसमें निर्णय किया गया कि आईआईटी उन्नत भारत ग्रुप में संघ परिवार से जुड़े हुए प्रोफेसरों को जोड़ा जाएगा। इनमें आरएसएस के वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े प्रोफेसर पीएमवी सुब्बाराव, रामदेव की पतंजलि पीठ से जुड़े वीके विजय और गायत्री परिवार से जुड़े डॉक्टर विजय भटकर का नाम शामिल है।

प्रोफेसर शेवगांवकर से जुड़े सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि वे उन्नत भारत योजना की उस मीटिंग में खासे असहज थे और उन्होंने आयोजकों से कहा भी कि उनकी समझ में नहीं आ रहा कि आखिर उन्नत भारत है क्या? शुरुआती मीटिंग को अगर भविष्य की तस्वीर माना जाए तो उन्नत भारत में टेक्नोलॉजी की बजाय हिन्दूवादी संगठनों के हाथों में ग्रामीण अंचल सौंप दिए जाएंगे।

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