NPR के लिए कोई प्रूफ की जरूरत नहीं, जनता पर है पूरा भरोसा: प्रकाश जावडेकर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कई अहम फैसले लिए. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने मीडिया को कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि NPR अपडेट करने को कैबिनेट की मंजूरी दी गई है.

खास बातें

  • NPR अपडेट करने को कैबिनेट की मंजूरी
  • कागजात या किसी प्रूफ की नहीं होगी जरूरत
  • देश में रहने वालों की होगी गिनती
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कई अहम फैसले लिए. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने मीडिया को कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि NPR अपडेट करने को कैबिनेट की मंजूरी दी गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि इसके लिए इस बार नई तकनीक का इस्तेमाल होगा. उन्होंने बताया कि भारत में ब्रिटिश जमाने से देश की जनसंख्या की जनगणना होती है. आजादी के बाद अब तक 7 बार जनगणना हो चुकी है, अब आठवीं बार होगी. इसमें सभी लोगों की गिनती मुद्दा होता है. आने वाले यानी 2020 के अप्रैल से सितंबर तक यह काम चलेगा. लाखों लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस बार टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से इस प्रक्रिया को आसान बनाने का काम किया गया है. इसके लिए ऐप तैयार किया गया है.
 


केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एनपीआर पहली बार 2010 में यूपीए की सरकार में शुरू हुआ था. सारे लोगों का एक कार्ड मनमोहन जी ने वितरित किया था. 2015 में इसका अपडेशन हुआ था. इसमें कोई भी प्रूफ देने की जरूरत नहीं है. न कागज देना है न बॉयोमेट्रिक है. आप जो कहोगे वही सही है, क्योंकि हमें जनता पर भरोसा है. इसे सभी राज्यों ने स्वीकार किया है. सभी राज्यों ने इसके नोटिफिकेशन निकाले हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है. जो भी भारत में रहता है उसकी गणना इसमें होगी. कैबिनेट ने एनपीआर के लिए 3941 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.

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प्रकाश जावडेकर ने NRP के फायदे भी गिनाए. उन्होंने कहा कि इससे तीन फायदे होंगे. आयुष्मान योजना जैसे सभी स्कीम के लिए सही पहचान करने में आसानी होगी. सही और सभी लाभार्थियों तक पैसा पहुंचेगा. उन्होंने बताया कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है. इसे यूपीए सरकार ने शुरू किया था. यह अच्छा काम था जिसे हम जारी रख रहे हैं.

अटल भूजल योजना को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने अटल भूजल योजना को भी मंजूरी दी. इस योजना का लक्ष्य अत्यधिक भूजल के दोहन वाले राज्यों में सामुदायिक हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओ को बताया कि कैबिनेट ने अटल भूजल योजना या अटल जल नामक नई योजना को मंजूरी प्रदान की जो सात राज्यों में पांच वर्ष की अवधि में लागू होगा. इसके दायरे में 8350 गांव आएंगे. उन्होंने बताया कि यह 6000 करोड़ रुपये की योजना है, जिसके लिए 3000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार तथा 3000 करोड़ रुपये विश्व बैंक देगा. उन्होंने कहा कि इसके तहत पानी के प्रभावी उपयोग, जल सुरक्षा तथा उपयुक्त जल बजट पर जोर दिया जाएगा.

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