प्रतीकात्मक फोटो.
दार्जिलिंग:
दार्जिलिंग से 15 किलोमीटर दूर सोनाडा में एक युवक का शव बरामद होने के बाद यहां फिर से हिंसा भड़क उठी है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने आधी रात को युवक को उस वक्त गोली मार दी, जब वह दवा लेकर घर जा रहा था. हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि मृतक ताशी भूटिया गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट का सदस्य था या गोरखा जन मुक्ति मोर्चा का.
तृणमूल नेता गौतम देब ने कहा कि सोनाडा में आधी रात को कोई पुलिस फायरिंग नहीं हुई है, ताशी भूटिया की मौत किस कारण से हुई है इसकी जांच होगी. गोरखालैंड समर्थकों ने सोनाडा पुलिस स्टेशन पर पथराव किया. लोगों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग मामले में एक बैठक भी बुलाई है. अलग राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आज 24वां दिन है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, हमारे पास पुलिस गोलीबारी की कोई रिपोर्ट नहीं है. मामले की जांच की जा रही है. जीजेएम और अन्य पर्वतीय दलों ने पुलिस पर युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. जीजेएम नेता बिनय तमांग ने कहा, पुलिस ने बिना कारण ही युवक की हत्या कर दी. उसके शरीर पर गोलियों के जख्म के निशान हैं. इसमें शामिल पुलिसकर्मियों को सजा दी जाए. मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों गोरखालैंड समर्थक सड़कों पर उतर आए और पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे. वहीं, हड़ताल के चलते खाद्य आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होने के बीच जीजेएम और विभिन्न एनजीओ ने लोगों के बीच भोजन वितरित किया. दवा की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें, स्कूल, कॉलेज बंद रहे और इंटरनेट सेवाएं 21वें दिन भी बाधित रही.
तृणमूल नेता गौतम देब ने कहा कि सोनाडा में आधी रात को कोई पुलिस फायरिंग नहीं हुई है, ताशी भूटिया की मौत किस कारण से हुई है इसकी जांच होगी. गोरखालैंड समर्थकों ने सोनाडा पुलिस स्टेशन पर पथराव किया. लोगों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग मामले में एक बैठक भी बुलाई है. अलग राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आज 24वां दिन है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, हमारे पास पुलिस गोलीबारी की कोई रिपोर्ट नहीं है. मामले की जांच की जा रही है. जीजेएम और अन्य पर्वतीय दलों ने पुलिस पर युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. जीजेएम नेता बिनय तमांग ने कहा, पुलिस ने बिना कारण ही युवक की हत्या कर दी. उसके शरीर पर गोलियों के जख्म के निशान हैं. इसमें शामिल पुलिसकर्मियों को सजा दी जाए. मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों गोरखालैंड समर्थक सड़कों पर उतर आए और पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे. वहीं, हड़ताल के चलते खाद्य आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होने के बीच जीजेएम और विभिन्न एनजीओ ने लोगों के बीच भोजन वितरित किया. दवा की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें, स्कूल, कॉलेज बंद रहे और इंटरनेट सेवाएं 21वें दिन भी बाधित रही.
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