गोवा में त्रिशंकु जनादेश की भविष्यवाणियों के बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों की जरूरत बन चुकी एक क्षेत्रीय पार्टी ने कहा है कि वह अपनी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के साथ चर्चा करने के बाद तय करेगी कि किस पार्टी को समर्थन देना है. MGP यानी महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के सुधीन धवलीकर ने एनडीटीवी को बताया कि वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के साथ "संपर्क में" हैं.
40 सीटों वाले गोवा राज्य के चुनाव की मतगणना से पहले धवलीकर ने कहा, "कल तक सब कुछ पता चल जाएगा. चूंकि हम गठबंधन में हैं, इसलिए हम इस स्तर पर फैसला नहीं कर पाएंगे. लेकिन हमें यकीन है कि हम 10 सीटों को पार कर जाएंगे." गोवा में 14 फरवरी को मतदान हुआ था. उन्होंने कहा, "हम तृणमूल के साथ फैसला करेंगे कि गठबंधन किसके साथ करना है. हम कल शाम को चार बजे फैसला करेंगे."
धवलीकर ने कहा कि उन्होंने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की है. एमजीपी नेता ने कहा, "हमारा गठबंधन 100 फीसदी होना है. हम तय करेंगे कि अंतिम संख्या के बाद किसे समर्थन देना है."
तृणमूल ने यह कहते हुए बीजेपी का समर्थन करने से दृढ़ता से इनकार कर दिया कि "उस पार्टी का समर्थन करने का कोई सवाल ही नहीं है." लेकिन तृणमूल की सहयोगी साफ तौर पर खुले दिमाग की है. धवलीकर ने वास्तव में यह भी संकेत दिया कि जहां तक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का संबंध है, उनकी पार्टी माफ करने और भूलने को तैयार है.
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद अपने मंत्रियों को कैबिनेट से हटाने पर एमजीपी सावंत से नाराज है. रिपोर्टों से पता चलता है कि एमजीपी ने बीजेपी का समर्थन करने के लिए एक शर्त भी रखी है कि प्रमोद सावंत को सीएम पद से हटा दिया जाना चाहिए. आज धवलीकर ने कहा कि, "प्रमोद सावंत के साथ समस्याएं अतीत में थीं."
एग्जिट पोल ने इस तटीय राज्य में बीजेपी और कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत न मिलने से त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है. दोनों दलों ने संभावित कमी को पूरा करने के लिए छोटे दलों से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
प्रमोद सावंत ने कल कहा था कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व पहले से ही एमजीपी के साथ बातचीत कर रहा है ताकि अगर उनकी पार्टी तय संख्या से कम पर सिमट जाती हो तो एमजीपी का समर्थन मांगा जा सके.
धवलीकर ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सावंत का “कभी समर्थन नहीं करेगी.” लेकिन उन्होंने फिर से बीजेपी का समर्थन करने से साफ इनकार नहीं किया.
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