लातूर में पुलिस बंदोबस्त में पानी बांटना पड़ रहा है (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र के लातूर शहर को पानी मुहैय्या कराने के लिए वहां ट्रेन से पानी भेजा जाएगा। महाराष्ट्र में मराठवाड़ा के इस शहर के लोग गर्मी की शुरुआत में ही भयंकर पानी किल्लत से जूझ रहे हैं। प्राकृतिक जल स्रोत का ख़त्म हो जाना इसके पीछे का प्रमुख कारण है।
इस आपदा को निबटने के लिए किए उपाय जानने के लिए केंद्र सरकार से पूछताछ होने के बाद महाराष्ट्र सरकार हरक़त में आयी। राज्य के मदद एवम् पुनर्वास मंत्री एकनाथ खड़से और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे ने मंगलवार को इसलिए पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली में एक बैठक की।
इस बैठक में तय हुआ की आगामी 10 दिनों के भीतर पश्चिम महाराष्ट्र की कृष्णा नदी का पानी मिरज जंक्शन पर मालगाड़ी के टैंकर में भरा जाएगा। मिरज से मराठवाड़ा के लातूर तक करीब 200 किलोमीटर का सफ़र तय कर पानी रेलगाड़ी से पहुंचाया जाएगा। लातूर के हरंगुल स्टेशन पर मौजूद 50 लाख लीटर क्षमता की टंकियों में यह पानी छोड़ा जाएगा। जहां से लातूर शहरवासीयों के घरों तक नल के जरिए पानी भेजा जाएगा।
बैठक के बाद संवाददाताओं को एकनाथ खड़से ने बताया कि 10 घंटे का सफ़र कराकर यह पानी भेजा जाना है। ताकि लातूर की प्यास बुझ सके। इस विकल्प के सफ़ल होने पर शहरवासियों को 3 दिन बाद पानी देना मुमकिन होगा।
फिलहाल लातूर के नल सूख गए हैं और यहां पुलिस बंदोबस्त में पानी बांटना पड़ रहा है। कमोवेश मराठवाड़ा का यही हाल है। पानी पर होते झगड़े रोकने के लिए लातूर और परभणी में धारा 144 लागू की गई है। जिसके चलते शहर में कहीं भी 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। हालात में मदद के लिए किए उपायों की कांग्रेस ने सराहना की है। लातूर से कांग्रेस विधायक अमित देशमुख ने मुम्बई में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास सराहानीय है। बस जरुरत है तो सटीक नियोजन की।
वैसे लातूर की प्यास बुझाने के लिए ट्रेन से पानी भेजने का सिर्फ ऐलान कांग्रेस ने 2013 में किया था। तब महाराष्ट्र और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें थीं। लेकिन कांग्रेस अपने ऐलान पर अमल करना भूल गई। यही नहीं, लातूर से जीतने वाले कांग्रेसी नेता विलासराव देशमुख महाराष्ट्र के करीब 9 साल तक मुख्यमंत्री रहे। लेकिन तब लातूर की पानी की समस्या का हल नहीं निकला। जिससे शहर में पानी का संकट फिलहाल बद से बदतर हो गया है।
इस आपदा को निबटने के लिए किए उपाय जानने के लिए केंद्र सरकार से पूछताछ होने के बाद महाराष्ट्र सरकार हरक़त में आयी। राज्य के मदद एवम् पुनर्वास मंत्री एकनाथ खड़से और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे ने मंगलवार को इसलिए पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली में एक बैठक की।
इस बैठक में तय हुआ की आगामी 10 दिनों के भीतर पश्चिम महाराष्ट्र की कृष्णा नदी का पानी मिरज जंक्शन पर मालगाड़ी के टैंकर में भरा जाएगा। मिरज से मराठवाड़ा के लातूर तक करीब 200 किलोमीटर का सफ़र तय कर पानी रेलगाड़ी से पहुंचाया जाएगा। लातूर के हरंगुल स्टेशन पर मौजूद 50 लाख लीटर क्षमता की टंकियों में यह पानी छोड़ा जाएगा। जहां से लातूर शहरवासीयों के घरों तक नल के जरिए पानी भेजा जाएगा।
बैठक के बाद संवाददाताओं को एकनाथ खड़से ने बताया कि 10 घंटे का सफ़र कराकर यह पानी भेजा जाना है। ताकि लातूर की प्यास बुझ सके। इस विकल्प के सफ़ल होने पर शहरवासियों को 3 दिन बाद पानी देना मुमकिन होगा।
फिलहाल लातूर के नल सूख गए हैं और यहां पुलिस बंदोबस्त में पानी बांटना पड़ रहा है। कमोवेश मराठवाड़ा का यही हाल है। पानी पर होते झगड़े रोकने के लिए लातूर और परभणी में धारा 144 लागू की गई है। जिसके चलते शहर में कहीं भी 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। हालात में मदद के लिए किए उपायों की कांग्रेस ने सराहना की है। लातूर से कांग्रेस विधायक अमित देशमुख ने मुम्बई में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास सराहानीय है। बस जरुरत है तो सटीक नियोजन की।
वैसे लातूर की प्यास बुझाने के लिए ट्रेन से पानी भेजने का सिर्फ ऐलान कांग्रेस ने 2013 में किया था। तब महाराष्ट्र और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें थीं। लेकिन कांग्रेस अपने ऐलान पर अमल करना भूल गई। यही नहीं, लातूर से जीतने वाले कांग्रेसी नेता विलासराव देशमुख महाराष्ट्र के करीब 9 साल तक मुख्यमंत्री रहे। लेकिन तब लातूर की पानी की समस्या का हल नहीं निकला। जिससे शहर में पानी का संकट फिलहाल बद से बदतर हो गया है।
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