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This Article is From Jul 24, 2019

लोकसभा में फिर बरसीं महुआ मोइत्रा, बोलीं- विचारधारा से असहमति जताएं तो कहा जाता है 'एंटीनेशनल'

लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार द्वारा पेश UAPA बिल, 2019’ को खतरनाक और जनविरोधी, संविधान विरोधी करार देते इसे वापस लेने की मांग की.

लोकसभा में महुआ मोइत्रा

नई दिल्ली:

लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार द्वारा पेश ‘विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन (UAPA) विधेयक, 2019' को खतरनाक और जनविरोधी, संविधान विरोधी करार देते इसे वापस लेने की मांग की. UAPA पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने विधेयक को वापस लेने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि सदन में किसी भी विधेयक का विरोध करने पर विपक्ष के सदस्यों को एंटीनेशनल करार दे दिया जाता है. हमें विपक्ष में रहने की वजह से यह जोखिम क्यों है? उनकी इस बात का बीजेपी के कई सदस्यों ने विरोध किया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कभी किसी मंत्री ने विपक्ष के किसी सदस्य को राष्ट्रविरोधी नहीं कहा, यह शब्द वापस लिया जाना चाहिए. इस दौरान पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने भी नियम का हवाला देते हुए कहा कि अपमानजनक बयान पर अध्यक्ष सदस्य को बोलने से रोक सकते हैं. हालांकि मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने सामूहिक रूप से सरकार के लिए अपनी बात कही है और वह इसे वापस नहीं लेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं कहा.'' 

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सदस्य पहली बार लोकसभा में चुनकर आई हैं, सभी को उनकी बात शांति से सुननी चाहिए. सदस्य को भी आसन की ओर देखकर ही अपनी बात रखनी चाहिए. मोइत्रा ने भाषण जारी रखते हुए कहा कि इस विधेयक में ऐसे प्रावधान हैं कि यह मुझ पर भी असर डाल सकता है. इस पर अध्यक्ष बिरला को कहते सुना गया, ‘‘यह आतंकवादियों पर असर डालेगा, आप पर नहीं.'' इस पर सदन में ठहाके सुनाई दिए. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह सदन में थे. 

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मोइत्रा ने आगे कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को किसी भी राज्य में जाकर उसके पुलिस महानिदेशक को बताये बिना किसी की संपत्ति कुर्क करने का अधिकार विधेयक में दिया गया है, यह सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि पुलिस राज्य का विषय है, सरकार एनआईए को पुलिस के अधिकार दे रही है. मोइत्रा ने विधेयक को ‘खतरनाक' और ‘‘संविधान विरोधी और जन विरोधी'' करार देते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की.  

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