पिछले सवा-डेढ़ सालों में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की वजह से कई बड़ी राजनातिक हस्तियों की जान जा चुकी है. इनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) भी शामिल हैं. इस महामारी की सबसे ज्यादा मार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पर पड़ी है, जहां सालभर के अंदर योगी आदित्यनाथ सरकार के तीन-तीन मंत्रियों की मौत हो चुकी है.
इसी महीने 18 मई को राज्य के बाढ़ नियंत्रण और राजस्व राज्य मंत्री विजय कश्यप की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई. वे 56 साल के थे और गुड़गाँव के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. कश्यप आरएसएस की करीबी थी. मुजफ्फरनगर के चरथावल विधान सभा सीट से विधायक थे. 2019 में योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया था.
कश्यप से पहले योगी सरकार के मंत्री चेतन चौहान कमला रानी वरुण की भी पिछले साल (20202) मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो चुकी है. चौहान क्रिकेटर से राजनेता बने थे. वो 1983 में क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे. योगी सरकार में वो सैनिक कल्याण, होमगार्ड्स, प्रांतीय रक्षक दल और नागरिक सुरक्षा मंत्री थे.
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चौहान से पहले 2 अगस्त, 2020 को यूपी सरकार में मंत्री कमल रानी वरुण का भी कोरोना के चलते निधन हो गया था. इनके अलावा बीजेपी के पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्रा और उनके भतीजे दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हनुमान प्रसाद मिश्रा का भी कोविड-19 संक्रमण से निधन हो चुका है.
बिहार:
बिहार में जेडीयू विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का भी कोरोना संक्रमण के वजह से इसी साल अप्रैल में निधन हो गया. इनके अलावा राज्य के मुख्य सचिव, अपर स्वास्थ्य सचिव की भी मौत कोरोना से हो चुकी है.
झारखंड:
झारखंड की हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल के 9 लोग (सीएम सहित) कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं, जबकि एक मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. दूसरे मंत्री जगरनाथ महतो संक्रमित होने के बाद लंबे समय से वेल्लोर में इलाज करवा रहे हैं. उनका लंग्स ट्रांसप्लांट हुआ है. उनके साले और भाई की भी कोरोना से मौत हो चुकी है.
तमिलनाडु:
पिछले साल तमिलनाडु के कृषि मंत्री और अन्नादुमुक के सीनियर नेता आर डोरिकान्नू का कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया. वह 72 साल के थे.
पिछले साल मोदी सरकार के रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाड़ी का भा कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया. वह AIIMS में भर्ती थे. इनके अलावा मध्य प्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन का भी पिछले साल जुलाई में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. सांस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत के बाद उन्हें लगभग एक महीने तक लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के वफादार रहे अहमद पटेल का भी पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से 71 साल की उम्र में निधन हो गया. संक्रमण की वजह से उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरूण गोगोई का भी पिछले साल कोरोना की वजह से निधन हो गया था. वह असम की तीन बार मुख्यमंत्री रहे थे. इसी महीने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख चौधरी अजित सिंह का भी निधन कोरोना संक्रमण की वजह से हो गया.
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