प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि इस साल विजयदशमी का पर्व 'बहुत खास' होगा. हालांकि प्रधानमंत्री ने नियंत्रण रेखा के पार भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का कोई सीधा ज़िक्र नहीं किया, लेकिन उनकी टिप्पणियों को पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के लॉन्च पैडों पर की गई कार्रवाई से जोड़कर ही देखा जा रहा है.
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आने वाले दिनों में हम विजयदशमी मनाने जा रहे हैं... इस साल विजयदशमी खास होगी..."
जनसंघ के संस्थापकों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन तथा उनकी शिक्षाओं पर आधारित 15 पुस्तकों के संकलन का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री ने याद किया कि वह (पंडित दीनदयाल उपाध्याय) इस बात की वकालत करते थे कि देश की सेना मजबूत होनी चाहिए.
बिना नाम लिए भारत के पड़ोसी देश को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "वह (पंडित दीनदयाल उपाध्याय) कहा करते थे कि देश की सेना को बहुत मजबूत होना चाहिए, और तभी देश मजबूत हो सकता है..."
उन्होंने कहा, "मजबूत होने का अर्थ यह नहीं है कि वह किसी के खिलाफ है... जब हम सुबह उठकर कसरत करते हैं, तो उससे हमारे पड़ोसियों को नहीं डरना चाहिए... हम अपने स्वास्थ्य के लिए ऐसा कर रहे हैं..."
प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सबसे बड़ा योगदान संगठन पर आधारित एक राजनैतिक दल की स्थापना था, जो कुछ गिने-चुने लोगों द्वारा नहीं चलाई जाती है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "बहुत कम समय में उन्होंने ऐसी विचारधारा की आधारशिला रखी, जिससे हमें विपक्ष से विकल्प (वैकल्पिक सरकार) बनने में सहायता मिली..."
प्रधानमंत्री ने कहा, जनसंघ के संस्थापकों में से एक तथा विचारक की जन्मशती को मनाने के लिए उनकी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय के फलसफे को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियों को गरीब से गरीब के कल्याण की दिशा में समर्पित रखेगी.
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आने वाले दिनों में हम विजयदशमी मनाने जा रहे हैं... इस साल विजयदशमी खास होगी..."
जनसंघ के संस्थापकों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन तथा उनकी शिक्षाओं पर आधारित 15 पुस्तकों के संकलन का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री ने याद किया कि वह (पंडित दीनदयाल उपाध्याय) इस बात की वकालत करते थे कि देश की सेना मजबूत होनी चाहिए.
बिना नाम लिए भारत के पड़ोसी देश को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "वह (पंडित दीनदयाल उपाध्याय) कहा करते थे कि देश की सेना को बहुत मजबूत होना चाहिए, और तभी देश मजबूत हो सकता है..."
उन्होंने कहा, "मजबूत होने का अर्थ यह नहीं है कि वह किसी के खिलाफ है... जब हम सुबह उठकर कसरत करते हैं, तो उससे हमारे पड़ोसियों को नहीं डरना चाहिए... हम अपने स्वास्थ्य के लिए ऐसा कर रहे हैं..."
प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सबसे बड़ा योगदान संगठन पर आधारित एक राजनैतिक दल की स्थापना था, जो कुछ गिने-चुने लोगों द्वारा नहीं चलाई जाती है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "बहुत कम समय में उन्होंने ऐसी विचारधारा की आधारशिला रखी, जिससे हमें विपक्ष से विकल्प (वैकल्पिक सरकार) बनने में सहायता मिली..."
प्रधानमंत्री ने कहा, जनसंघ के संस्थापकों में से एक तथा विचारक की जन्मशती को मनाने के लिए उनकी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय के फलसफे को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियों को गरीब से गरीब के कल्याण की दिशा में समर्पित रखेगी.
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