विज्ञापन
This Article is From Jun 23, 2015

'विकसित' राज्यों में भी लड़कियों से भेदभाव, लिंगानुपात औसत से कम

'विकसित' राज्यों में भी लड़कियों से भेदभाव, लिंगानुपात औसत से कम
सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली: देश के दो सर्वाधिक समृद्ध राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र के सोनाग्राफी केंद्रों की जांच में लड़कियों की संख्या में क्रमश: 73 प्रतिशत और 55 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। राज्यों में शिशु लिंग अनुपात (छह सालों में प्रति 1,000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या) देश में सबसे कम है, विशेष रूप से इन राज्यों के पिछड़े जिलों में। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड़ में (807) और गुजरात के सूरत जिले में (831) हैं। देश में यह औसतन 914 है।

महाराष्ट्र में बाल विवाह के 603 मामलों में से 23 में फैसला आ चुका है, जबकि वर्ष 2013-14 के 580 मामले लंबित पड़े हैं। बाल विवाह अधिनियम के उल्लंघन के मामले में गुजरात में अभी तक किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया है, हालांकि 659 मामले दर्ज हैं।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की हाल की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के दो सर्वाधिक आर्थिक रूप से विकसित राज्यों में लड़कियों के लिए गठित कानून असफल हो रहे हैं। दोनों ही राज्य प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नैटल डायगनोस्टिक टेक्नीज एक्ट (पीएस एंड पीएनटी) के क्रियान्वयन में असफल रहे हैं। यह विधेयक गर्भधारण से पूर्व या बाद में लिंग निर्धारण, कन्या भ्रूणहत्या के लिए नैदानिक तकनीकों पर रोक को नियमित करता है।

मार्च 2014 से महाराष्ट्र में पीसी एंड पीएनडीटी विधेयक के तहत 481 मामले दर्ज हैं। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2014 से पीसी एंड पीएनडीटी विधेयक के तहत गुजरात में 181 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से सिर्फ 49 मामलों में मुकदमा चला है और सिर्फ छह अपराधियों को सजा सुनाई गई है। सजा में कारावास, लाइसेंस रद्द करना और जुर्माना शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन राज्यों में शिशु लिंग अनुपात के असफल होने का कारण पीसी एंड पीएनडीटी विधेयक को लागू नहीं करना है। देश में लिंग अनुपात में सुधार हो रहा है लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात में नहीं। 2011 की जनगणना के मुताबिक, महाराष्ट्र में पिछले एक दशक (2001 से 2011) में समग्र लिंग अनुपात 920 से घटकर 919 हो गया है, जबकि पूरे भारत में इस दौरान लिंग अनुपात 933 से सुधर कर 943 हो गया है।

गुजरात में 2001 से 2011 के बीच समग्र लिंग अनुपात 920 से घटकर 919 हो गया है, जबकि शिशु लिंग अनुपात 883 से सुधरकर 890 हो गया है, जो राहत की बात है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
गुजरात, महाराष्ट्र, सोनाग्राफी, शिशु लिंग अनुपात, लिंगानुपात, Maharashtra, Gujarat, Missing Girls, Sonography, Gujrat
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com