यह ख़बर 20 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

थल सेना प्रमुख की उम्र पर भ्रम बरकरार

खास बातें

  • विधि मंत्रालय और महान्यायवादी से कानूनी राय प्राप्त हो जाने के बावजूद सरकार उनकी सही जन्म तिथि पर अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है।
नई दिल्ली:

थल सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की सही उम्र को लेकर उपजा भ्रम साफ नहीं हो पाया है। केंद्रीय विधि मंत्रालय और महान्यायवादी से कानूनी राय प्राप्त हो जाने के बावजूद सरकार शुक्रवार को उनकी सही जन्म तिथि पर अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है। रक्षा मंत्री एके एंटनी भी इस मुद्दे पर सीधी प्रतिक्रिया देने से बचते दिखे। महान्यायवादी जीई वाहनवती की कानूनी राय के बाद यह मामला वापस रक्षा मंत्रालय के पास पहुंच गया है। ज्ञात हो कि रक्षा मंत्रालय ने सेना प्रमुख की जन्म तिथि पर महान्यायवादी की राय मांगी थी, क्योंकि सेना मुख्यालय में दो अलग-अलग दस्तावेजों में दो अलग-अलग जन्म तिथियां दर्ज हैं। इस बीच रक्षा मंत्री एके एंटनी भी इस मुद्दे पर सीधी प्रतिक्रिया देने से बचते दिखे। एंटनी ने सिर्फ इतना कहा कि वह सशस्त्र बलों से सम्बंधित इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक विवाद नहीं चाहते और उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस मुद्दे को सनसनीखेज न बनाया जाए। संवाददाताओं ने जब जनरल सिंह की सही जन्म तिथि को लेकर पैदा हुए भ्रम पर एंटनी से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा, "आज कुछ नहीं। जब भी हम कोई निर्णय लेंगे, मैं आपको बता दूंगा। मैं फिलहाल इस मामले पर कोई सार्वजनिक विवाद नहीं चाहता।" जब संवाददाताओं ने एंटनी पर प्रतिक्रिया के लिए दबाव बनाया तो उन्होंने कहा, "मैंने आपसे कहा कि यह मेरा निजी अनुरोध है। सेना से जुड़े मामलों को कृपया सनसनीखेज न बनाएं। कृपया सार्वजनिक विवादों को टाले। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सरकार जब भी कोई निर्णय लेगी, हम आपको उसके बारे में सूचित कर देंगे।" जनरल वीके सिंह की उम्र को लेकर भ्रम 2008 में उस समय पैदा हुआ था, जब सेना की सैन्य सचिव शाखा के रिकॉर्ड में जनरल सिंह के केंद्रीय लोक सेवा आयोग के आवेदनों में उनकी जन्मतिथि 10 मई, 1950 पता चली, जबकि एडजुटेंट जनरल की शाखा के रिकॉर्ड में जन्म तिथि 10 मई, 1951 दर्ज थी। इस बात की जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत हुई थी। सैन्य सचिव, नियुक्तियों व प्रोन्नतियों की जिम्मेदारी देखते हैं, जबकि एडजुटेंट जनरल वेतन और पेंशन का कामकाज देखते हैं। इसके पहले गुरुवार को महान्यायवादी गुलाम ई. वाहनवती ने मंत्रालय को अपनी सिफारिश में कहा था कि इस स्तर पर जन्म तिथि में कोई भी बदलाव कानूनी रूप से स्थायी होना चाहिए। इसके बाद अब सेना प्रमुख के उम्र निर्धारण के मामले में गेंद रक्षा मंत्रालय के पाले में पहुंच गई है।


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