यह ख़बर 26 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आंध्र प्रदेश से तेलंगाना को अलग करने को कांग्रेस लगभग तैयार : सूत्र

खास बातें

  • तेलंगाना मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद पार्टी ने यह तय कर लिया है कि वह आंध्र प्रदेश से तेलंगाना का अलग राज्य बनाने को लगभग तैयार है। सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने इस बात के लिए हरी झंडी दिखा दी है।
नई दिल्ली:

तेलंगाना मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद पार्टी ने यह तय कर लिया है कि वह आंध्र प्रदेश से तेलंगाना का अलग राज्य बनाने को लगभग तैयार है। सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने इस बात के लिए हरी झंडी दिखा दी है।

सूत्रों का कहना है कि पहले कुछ वर्षों तक हैदराबाद दोनों राज्यों की साझा राजधानी रहेगी। अब कांग्रेस इस फैसले के राजनीतिक लाभ-हानि पर विचार कर रही है। तेलंगाना और आंध्र में 21-21 लोकसभा सीटें आएंगी। कांग्रेस अब इन सारी सीटों पर जीत की भरसक कोशिश करने का प्रयास करेगी।

सूत्र बता रहे हैं कि आंध्र प्रदेश के पार्टी के नेताओं को जल्द इस निर्णय की जानकारी दे दी जाएगी। जहां तक सरकार के इस निर्णय का ऐलान है, सूत्र बता रहे हैं कि 5 अगस्त से संसद के मॉनसून सत्र से पहले यह किया जा सकता है।

इससे पहले महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा था कि तेलंगाना पर परामर्श की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब निर्णय लेने का समय है।

तेलंगाना राज्य के गठन पर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अंतिम फैसला करने के लिए आंध्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को राजधानी बुलाए जाने के कारण दिल्ली में तेलंगाना को लेकर सरगर्मी बहुत तेज हो गई है।

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अंतिम फैसला लेने के पहले आखिरी बार विचार-विमर्श करने के लिए मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा और राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण दिल्ली में मौजूद हैं। सीडब्ल्यूसी की बैठक की तिथि तय करने के लिए कांग्रेस कोर समिति की बैठक शुक्रवार देर शाम होने की संभावना है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह कांग्रेस महासचिव और राज्य के पार्टी मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह से मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से भी मुलाकात की।

पार्टी सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात से पहले सीमांध्रा (रायलसीमा और आंध्र क्षेत्र) के कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि राज्य के विभाजन पर उनके कड़े विरोध को नेतृत्व के सामने स्पष्ट कर दिया जाए। सीमांध्रा के नेताओं ने अंतिम समय में राज्य के विभाजन को रोकने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। इस संबंध में रणनीति बनाने के लिए सीमांध्रा के कांग्रेस नेताओं की एक बैठक हुई। इसमें केंद्रीय और राज्य मंत्रियों सहित सीमांध्रा के सांसदों ने हिस्सा लिया।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

(इनपुट एनडीटीवी इंडिया, एनडीटीवीडॉटकॉम, भाषा से भी)