
बिहार (Bihar) में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर घमासान जारी है. मुख्य विपक्षी दल के नेता और सूबे के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर बिहार की जनता को धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं. तेजस्वी का आरोप है कि राज्य सरकार NRC नहीं लागू करने की बात कहकर जनता को झूठा आश्वासन दे रही है. अगर मुख्यमंत्री की मंशा साफ है तो वह तत्काल प्रभाव से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की अधिसूचना रद्द करें.
तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'नीतीश जी का NRC नहीं लागू करने का झूठा आश्वासन ठीक वैसे ही है जैसे सर्जन सर्जरी करने के पहले बेहोशी की सुई देकर मरीज को दर्द नहीं होने का आश्वासन देता है. नीतीश जी,अगर नियत साफ है तो NPR की अधिसूचना जारी क्यों की? अगर मंशा ठीक है तो तत्काल प्रभाव से NPR की अधिसूचना रद्द कीजिए.'

बताते चलें कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने इसी महीने की शुरूआत में कहा था कि राज्य में 15 मई से NPR की प्रक्रिया शुरू होगी. यह 28 मई तक चलेगी. डिप्टी सीएम ने कहा कि NPR के लिए कोई नया रजिस्टर तैयार नहीं किया जा रहा है. यह जनगणना का हिस्सा है और इसका NRC से कोई संबंध नहीं है. NPR के लिए लोगों को किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं देना है. उन्होंने यह भी साफ किया कि NPR लागू करना राज्यों की बाध्यता है. नागरिकता से संबंधित कानून बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है.
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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का राज्य सरकार पर आरोप है कि JDU और BJP नेता NRC को लेकर जनता से झूठ बोल रहे हैं. NPR NRC की दिशा में पहला कदम है. नीतीश सरकार राज्य में NRC लागू करने का मन बना चुकी है. अगर ऐसा नहीं होता तो फिर सरकार ने NPR की अधिसूचना क्यों जारी की. RJD नेता सरकार से अधिसूचना रद्द करने की मांग कर रहे हैं. JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) भी साफ कह चुके हैं कि वह राज्य में किसी भी कीमत पर NRC लागू नहीं होने देंगे.
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