बिहार में कोविड टेस्ट से जुड़े फर्जीवाड़े को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही. विपक्ष और जनदबाव में नीतीश जी ने विपदा के बीच ही आंकड़ों की बाजीगरी नहीं करने वाले 3 स्वास्थ्य सचिवों को हटा दिया. फिर उन्होंने अपने जांचे-परखे आंकड़ों की बाज़ीगिरी करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया. उसके बाद अगले 3 दिनों में ही टेस्टिंग की संख्या दुगनी हो गई और लगभग 15 दिनों में यह संख्या एक लाख और 25 दिनों में दो लाख तक पहंच गई. उसी स्वास्थ्य संरचना से मात्र एक महीने से भी कम समय में यह प्रतिदिन जांच का आंकड़ा इतना गुणा कैसे बढ़ गया? सारा माजरा आंकड़ों के अमृत मंथन का है.
इससे पहले खबर आई थी कि बिहार में COVID-19 टेस्टिंग में गड़बड़ी (Bihar Corona Testing Scam) हो रही है, जहां स्वास्थ्यकर्मी फर्जी नाम और मोबाइल नंबर के जरिये फर्जी टेस्ट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. बिहार के एक शख्स ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्यकर्मी उनके यहां से तीन महिलाओं को टेस्ट के लिए लेकर गए थे और बिना कोरोना टेस्ट के ही उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. बाद में डीएम से शिकायत करने पर जांच कराई गई तो रिपोर्ट निगेटिव निकली. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने शुक्रवार को इस मुद्दे को सदन में उठाया और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही।विपक्ष और जनदबाव में नीतीश जी ने विपदा के बीच ही आँकड़ों की बाज़ीगरी नहीं करने वाले 3 स्वास्थ्य सचिवों को हटा दिया। फिर उन्होंने अपने जाँचे-परखे आँकड़ों की बाज़ीगिरी करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 12, 2021
वहीं, बिहार के खगाड़िया के रहने वाले एक शख्स का दावा है कि लॉकडाउन के चलते हमारा काम बंद हो गया था. यहां से तीन महिलाओं को जांच के लिए ले जाया गया था. बिना जांच के ही तीनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी. इन्हें क्वॉरंटीन में रख दिया गया. हमने डीएम से इस मामले की शिकायत की तो उन्होंने जांच कराई और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद छोड़ दिया गया. उन्होंने स्वास्थकर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में आज कहा कि एक अंग्रेजी अखबार में बिहार में कोविड-19 टेस्टिंग के साथ जो खिलवाड़ हुआ है वह बात सामने आई है. सातवें दिन आंकड़ा एक लाख हो गया. 14 वें दिन दो लाख हो गया अब सब चीजें सामने आ रही हैं. कई ब्लैंक कॉलम्स है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जी इसकी इंक्वायरी से ही मालूम पड़ेगा यह जांच का विषय है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं