यह ख़बर 20 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

व्यर्थ में समय बर्बाद कर रही है सरकार : टीम अन्ना

खास बातें

  • लोकपाल बिल पर संसद की स्थायी समिति की ओर से अखबारों के माध्यम से जनता से राय मांगे जाने को हजारे पक्ष ने समय की बर्बादी करार दिया है।
New Delhi:

लोकपाल विधेयक पर संसद की स्थायी समिति की ओर से अखबारों के माध्यम से जनता से राय मांगे जाने को हजारे पक्ष ने समय की बर्बादी करार देते हुए इस विधेयक को सरकार को वापस करने की मांग की है। गौरतलब है कि सरकार ने कुछ दिन पहले संसद में लोकपाल विधेयक पेश किया था, जिसे स्थायी समिति के पास भेज दिया गया। शनिवार को विभिन्न अखबारों में स्थायी समिति की ओर से विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं, जिसमें 4 सितंबर तक लोगों से लोकपाल विधेयक पर सुझाव देने को कहा गया है। हजारे के सहयोगी और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वर्तमान विधेयक पर सुझाव मांगा जाना समय की बर्बादी है। स्थायी समिति को चाहिए कि वह इस विधेयक को सरकार को वापस लौटा दे। उन्होंने कहा कि संसद का मौजूदा सत्र 8 सितंबर तक है और 4 सितंबर तक इस विधेयक पर सुझाव मांगने का कोई मतलब नहीं है। यह समय की बर्बादी है। इससे पहले शुक्रवार को भी हजारे पक्ष ने अपना रुख कड़ा करते हुए सरकार से 12 दिन के भीतर जन लोकपाल विधेयक को पारित करने की मांग की थी और कहा था कि विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह अंतिम सांस तक अनशन जारी रखेंगे। अन्ना पक्ष ने यह भी कहा कि सरकार के साथ बातचीत के लिए वे तैयार हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समझौता नहीं करेंगे। तिहाड़ जेल में अपने 67 घंटे के अनशन के बाद शुक्रवार को अन्ना हजारे रामलीला मैदान पहुंचे थे और अपना अनशन आगे बढ़ाया था। बहरहाल, लोकपाल के मुद्दे पर सरकार के दुविधा में होने के बीच इस विषय पर कोई रास्ता निकालने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार  को सरकार और पार्टी के अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श किया था। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर समिति की एक घंटे तक बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी, पी चिदंबरम, एके एंटनी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल शामिल हुए। इससे पहले, शुक्रवार को रामलीला मैदान पहुंचने पर अन्ना ने कहा था, जब तक प्राण हैं, तब तक अनशन करूंगा, यह निर्णय कर चुका हूं। हजारे ने कहा कि यदि सरकार 30 अगस्त तक विधेयक पारित नहीं करती, तो जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार संसद और स्थायी समिति में बहुमत में है और हम चाहते हैं कि सरकार संसद के इसी सत्र में हमारे जन लोकपाल विधेयक को पेश करे और 30 अगस्त तक उसे पारित कराए।


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