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This Article is From Jun 28, 2013

मलबे के नीचे कितने लोग दबे हैं, अंदाजा लगाना मुश्किल : सुशील शिंदे

देहादून: उत्तराखंड में बाढ़ और तबाही के बाद वहां फंसे लोगों को निकाले जाने का सिलसिला जारी है। हादसे के 12 दिन बीत जाने के बाद भी अभी कई लोग फंसे हैं।

उत्तराखंड सरकार के प्रधान सचिव ने बताया है कि बद्रीनाथ इलाके में अभी भी करीब 2500 लोग फंसे हुए हैं, जबकि दूसरे सभी इलाकों से लोगों को निकाल लिया गया है, जबकि 3000 हजार लोग अभी भी लापता हैं। पिछले दस दिनों से चलाए जा रहे राहत और बचाव के काम में सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, बीआरओ, जीआरईएफ समेत कई एजेंसियां जुटी हैं।

इस दौरान उत्तराखंड में खराब मौसम और विपरीत हालात के बीच अलग-अलग इलाकों से एक लाख से ज्यादा लोगों को निकाला गया है। यहां मची तबाही में मरनेवालों का आधिकारिक आंकड़ा 800 से ज्यादा पहुंच गया है। गुरुवार को केदारनाथ इलाके में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को डर है कि इस सबके बीच महामारी न फैल जाए।

इसी बीच आज सेनाध्यक्ष बिक्रम सिंह बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे हैं। वे राहत अभियान में जुटे अधिकारियों से मिलेंगे। इसके बाद वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे। गृहमंत्री सुशील शिंदे भी देहरादून जाकर राहत और बचाव अभियान का जायजा ले रहे हैं। शिंदे ने कहा कि राहत अभियान में तमाम एजेंसियों के बीच तालमेल अच्छा है। गृहमंत्री ने कहा कि मलबे के नीचे कितने लोग दबे हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

आज हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और सेना प्रमुख बिक्रम सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

उधर, देहरादून एयरपोर्ट पर अपनों की तस्वीर लेकर वापसी का इंतजार कर रहे हैं। हादसे के इतने दिनों बाद भी कोई खोज खबर न मिलने से एक तरफ परिवारवालों में गुस्सा है, तो मायूसी भी है, लेकिन इन लोगों की उम्मीद अभी बाकी है।

वहीं आज केदारनाथ मंदिर समिति के 10 लोगों का एक दल केदारनाथ जाएगा। यह दल मंदिर में सफाई करेगा। इसके बाद जल्द ही यहां पूजा शुरू की जाएगी। उम्मीद है कि मंदिर की सफाई और उसके शुद्धिकरण के बाद यहां पूजा शुरू होगी। केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोयल के मुताबिक, मंदिर परिसर से शवों को हटा लिया गया है और अब वहां साफ-सफाई का काम शुरू किया जाएगा। केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू होना अब इस बात पर निर्भर करेगा कि मंदिर में सफाई कितने दिनों में पूरी होती है। सफाई के बाद हवन किया जाएगा और शुद्धिकरण के बाद पूजा शुरू होगी।

लापता लोगों की सूची

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