प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस पर मंगलवार को 3 बजे सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित EPCA (इंवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी) की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली के हालात बेहद खराब हैं.
यह एक पब्लिक इमरजेंसी है. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट पहले ही सारे दिशा निर्देश जारी कर चुका है. अब तक इस बारे में प्रभावी कदम नहीं उठाए गए. अब सुप्रीम कोर्ट इस बारे में सुनवाई करे और इस मामले की निगरानी करे.
पिछली सुनवाई में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि हम 21वीं सदी में हैं. यूरोप में यह काम 50 साल पहले ही हो चुका है. लंदन मेट्रो को 100 साल हो चुके हैं जबकि कोर्ट के आदेश पर सरकार के ट्रांसपोर्ट सेक्रेट्री बैठ जाते हैं. आपको दूरदर्शी और प्रगतिशील बनना चाहिए न कि इसमें बाधक. सिस्टम में बदलाव की जरूरत है जबकि आपका रवैया पुराना ही है. आप कल्पना के आधार पर कोई फैसला नहीं ले सकते. लग रहा है कि आप अटकलों के स्वर्ग पर बैठे हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण के मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दिल्ली में आने वाले ट्रकों में रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस लगाने के आदेश दिए गए थे. पहले ये कांटेरेक्टर को लगाने थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार ट्रकों से वसूले जाने वाले पर्यावरण हर्जाना शुल्क यानी ECC को नगर निगम को दे और निगम से डिवाइस लगवाए. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि उन्हें EPCA की रिपोर्ट शनिवार को ही मिली है जिसकी जांच की जा रही है.
यह एक पब्लिक इमरजेंसी है. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट पहले ही सारे दिशा निर्देश जारी कर चुका है. अब तक इस बारे में प्रभावी कदम नहीं उठाए गए. अब सुप्रीम कोर्ट इस बारे में सुनवाई करे और इस मामले की निगरानी करे.
पिछली सुनवाई में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि हम 21वीं सदी में हैं. यूरोप में यह काम 50 साल पहले ही हो चुका है. लंदन मेट्रो को 100 साल हो चुके हैं जबकि कोर्ट के आदेश पर सरकार के ट्रांसपोर्ट सेक्रेट्री बैठ जाते हैं. आपको दूरदर्शी और प्रगतिशील बनना चाहिए न कि इसमें बाधक. सिस्टम में बदलाव की जरूरत है जबकि आपका रवैया पुराना ही है. आप कल्पना के आधार पर कोई फैसला नहीं ले सकते. लग रहा है कि आप अटकलों के स्वर्ग पर बैठे हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण के मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दिल्ली में आने वाले ट्रकों में रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस लगाने के आदेश दिए गए थे. पहले ये कांटेरेक्टर को लगाने थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार ट्रकों से वसूले जाने वाले पर्यावरण हर्जाना शुल्क यानी ECC को नगर निगम को दे और निगम से डिवाइस लगवाए. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि उन्हें EPCA की रिपोर्ट शनिवार को ही मिली है जिसकी जांच की जा रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं