नई दिल्ली:
आधार कार्ड को मनी बिल के तौर पर संसद में पास करने के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी को अगली तारीख पर उपस्थित रहने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी। याचिकाकर्ता जयराम रमेश की ओर से पी चिदंबरम ने कहा कि आधार को बिल के तौर पर नहीं पास किया जा सकता।
मनी बिल और आम बिल में फर्क होता है और हम कोर्ट को ये दिखा सकते हैं। आधार बिल को बजट सत्र में 'मनी बिल' का दर्जा दिए जाने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ जयराम रमेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे रमेश ने आधार को मनी बिल का दर्जा देने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दी है। यह बिल पास होने के बाद से ही विवादों में घिरा हुआ है।
ऐसे मामलों में स्पीकर का फैसला अंतिम होता है
माना जाता है कि ऐसे मामलों में स्पीकर का फैसला अंतिम होता है। आधार बिल को मनी बिल की तरह पास कराने पर कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर राज्यसभा की घोर अवमानना करने का आरोप लगाते हुए संकेत दिया था कि मामले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
लोकसभा में 16 मार्च को आधार बिल पास कर दिया गया
राज्यसभा में किए गए पांच संशोधनों और जल्दबाजी नहीं करने की विपक्ष की अपील को खारिज करते हुए लोकसभा में 16 मार्च को आधार बिल पास कर दिया गया। इस बिल को पास कराने का मकसद आधार के जरिए सब्सिडी का बेहतर वितरण सुनिश्चित करना है।
सदन एक महीने के लिए स्थगित होने से कुछ समय पहले शाम को लोकसभा में राज्यसभा के पांच संशोधनों की सिफारिश को नजरअंदाज करते हुए आधार (टारगेटेड डिलिवरी ऑफ फाइनेनशियल एड अदर सब्सिडीज, बेनेफिट्स ऐंड सर्विसेज) बिल, 2016 को ध्वनिमत से पास कर दिया था। चिदंबरम ने कोर्ट में कहा कि मनी बिल पास करना असंवैधानिक है।
मनी बिल और आम बिल में फर्क होता है और हम कोर्ट को ये दिखा सकते हैं। आधार बिल को बजट सत्र में 'मनी बिल' का दर्जा दिए जाने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ जयराम रमेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे रमेश ने आधार को मनी बिल का दर्जा देने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दी है। यह बिल पास होने के बाद से ही विवादों में घिरा हुआ है।
ऐसे मामलों में स्पीकर का फैसला अंतिम होता है
माना जाता है कि ऐसे मामलों में स्पीकर का फैसला अंतिम होता है। आधार बिल को मनी बिल की तरह पास कराने पर कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर राज्यसभा की घोर अवमानना करने का आरोप लगाते हुए संकेत दिया था कि मामले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
लोकसभा में 16 मार्च को आधार बिल पास कर दिया गया
राज्यसभा में किए गए पांच संशोधनों और जल्दबाजी नहीं करने की विपक्ष की अपील को खारिज करते हुए लोकसभा में 16 मार्च को आधार बिल पास कर दिया गया। इस बिल को पास कराने का मकसद आधार के जरिए सब्सिडी का बेहतर वितरण सुनिश्चित करना है।
सदन एक महीने के लिए स्थगित होने से कुछ समय पहले शाम को लोकसभा में राज्यसभा के पांच संशोधनों की सिफारिश को नजरअंदाज करते हुए आधार (टारगेटेड डिलिवरी ऑफ फाइनेनशियल एड अदर सब्सिडीज, बेनेफिट्स ऐंड सर्विसेज) बिल, 2016 को ध्वनिमत से पास कर दिया था। चिदंबरम ने कोर्ट में कहा कि मनी बिल पास करना असंवैधानिक है।
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